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प्रशासन की अनदेखी, रजिस्ट्रेशन खत्म और लालची डॉक्टर... ऐसे मौत की आग में झुलस गए सात मासूम

बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में साफ-साफ लिखा है कि 31 मार्च 2024 को मान्यता खत्म हो रही है. यह सर्टिफिकेट 30 सितंबर 2021 को जारी किया गया था. हैरानी की बात ये है कि इस सार्टिफकेट में साफ-साफ ये भी लिखा है कि वहां केवल 5 बेड तक ही मान्य होंगे.

इस हादसे ने सात मासूमों को उनके घरवालों से छीन लिया इस हादसे ने सात मासूमों को उनके घरवालों से छीन लिया
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

Baby Care New Born Hospital Arson Case: दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड ने पूरे देश को दहलाकर रख दिया है. इस मामलें की जांच में अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं और लापरवाही की नई इबारत सामने आती जा रही है. विभागीय छानबीन और पुलिस जांच में पता चला कि बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल का जो सर्टिफिकेट हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किया गया था, उसके अनुसार 31 मार्च को ही इसकी मान्यता खत्म हो गई थी.

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बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में साफ-साफ लिखा है कि 31 मार्च 2024 को मान्यता खत्म हो रही है. यह सर्टिफिकेट 30 सितंबर 2021 को जारी किया गया था. हैरानी की बात ये है कि इस सार्टिफकेट में साफ-साफ ये भी लिखा है कि वहां केवल 5 बेड तक ही मान्य होंगे. यानी अस्पताल में महज 5 बेड लगाने की इजाजत थी.

बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल का यह सर्टिफिकेट दिल्ली सरकार के स्वास्थ सेवा निदेशालय की ओर से डॉक्टर नवीन खींची के नाम पर जारी किया गया था. लेकिन कौन जानता था कि अस्पताल की लापरवाही सात मासूम बच्चों की जान ले लेगी. उनमें से पांच बच्चों के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं. दो नवजातों का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को दिया जाएगा. इस अग्निकांड में पांच बच्चों की जान बचाई गई है. हादसे के वक्त हॉस्पिटल में 12 बच्चे इलाज के लिए भर्ती थे. 

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दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल के मालिक डॉ. नवीन खिची और हादसे के वक्त अस्पताल में मौजूद डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों को सोमवार दोपहर में कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस आगे की पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग कर सकती है. पुलिस ने बताया कि आग लगने के सही कारण का पता लगाने के लिए फोरेंसिक टीमें और बिजली विभाग के एक निरीक्षक सोमवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे.

इस अग्निकांड में जलकर मरी 17 दिन की रूही की मां ने बताया, "मैंने कल अपने बच्चे को देखा था. उसे बुखार था. दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज सुबह मुझे आग के बारे में बताया गया. मैंने अपनी बेटी को बुरी आत्माओं से बचाने के लिए नजर की माला पहना रखी थी. लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे निकाल दिया था.'' इसी तरह अंसार की बेटी का जन्म 15 मई को अस्पताल में हुआ था. उसकी तबियत अक्सर खराब रहती थी. 10 दिन पहले ही उन्होंने अपनी बेटी को बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. उन्हें इस घटना के बारे में अपने दोस्तों से पता चला.

अंसार कहते हैं, ''अल्लाह को प्यारी हो गई मेरी बेटी. 'जब मैं अस्पताल पहुंचा तो मुझे पता चला कि मेरी बेटी की मौत हो गई है.'' एक मजदूर मसियालम के लिए पांच साल बाद फिर से त्रासदी हुई. वो कहते हैं, "मैंने पांच साल पहले अपने बेटे को खो दिया था. अब इस अग्निकांड में मेरे नवजात बेटे की मौत हो गई. मेरी तो जिंदगी खत्म हो गई.'' उन्होंने बताया कि यहां इलाज करा रहे कई माता-पिता ने अपने गहने बेच दिए या पैसे उधार लेकर दिए थे.

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मसियालम बताते हैं कि उनके बेटे का जन्म दूसरे अस्पताल में हुआ था. संक्रमण होने के बाद उसे बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक अन्य पीड़िता के रिश्तेदार परविंदर कुमार ने कहा, "हमने अभी तक उसकी मां को सूचित नहीं किया है. वो सिर्फ छह दिन की थी. हमने उसे खो दिया. वो मेरे रिश्तेदार की पहली संतान थी. लड़की का जन्म लगभग छह दिन पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल में हुआ था. उसे सांस लेने में तकलीफ थी.

दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यहां नर्सिंग होम की परमिशन 31 मार्च को खत्म हो गई थी. दिल्ली सरकार का हेल्थ डिपार्टमेंट इसकी परमिशन देता है, लेकिन डॉक्टर नवीन किची अवैध तरीके से नर्सिंग होम चलाया जा रहा था. पहले यहां पांच बेड की इजाजत मिली थी, लेकिन कई 25 से 30 बच्चे तक इलाज के लिए भर्ती किए जाते थे. यहां से 32 ऑक्सीजन सिलेंडर भी बरामद किए गए हैं, जबकि पांच बेड के हिसाब से सिलेंडर होने चाहिए थे.

पुलिस ने बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर नवीन खिंची और हादसे के वक्त मौजूद डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस की टीम इस घटना की जांच कर रही है. दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल में शनिवार रात करीब 11:30 बजे आग लगी थी, जो कि आसपास की दो इमारतों में फैल गई. यहां से 12 नवजात बच्चों को बचाया गया था, लेकिन सात की मौत हो गई. पांच बच्चों का एक सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. दिल्ली पुलिस ने हादसे के जिम्मेदार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 336, 304, 304ए और 308 के तहत मामला दर्ज किया है.

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