
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में उनकी पत्नी पूनम जैन को तलब कर लिया है. एजेंसी ने नोटिस जारी करते हुए उनकी पत्नी के कथित रूप से शेल कंपनियों से जुड़े होने और लेन-देन के मामले में पूछताछ के लिए 14 जुलाई को बुलाया है. मालूम हो कि इससे पहले अजीत प्रसाद जैन के बेटे विभव और सुनील कुमार जैन के बेटे अंकुश से पूछताछ की जा चुकी है.
पिछले महीने ED ने दावा किया था कि सत्येंद्र जैन पर जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए अपनी दो बेटियों सहित अपने परिवार के सदस्यों का इस्तेमाल किया है. इंडिया टुडे टीवी द्वारा एक्सेस की गई जांच रिपोर्ट के अनुसार, सत्येंद्र जैन की पत्नी और दो बेटियों ने सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों से कारोबार की आड़ में करोड़ों रुपये प्राप्त किए हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सत्येंद्र जैन की बेटियों को कथित तौर पर किसी भी वास्तविक व्यवसाय में भाग लिए बिना उनके बैंक खातों में बड़ी मात्रा में धन प्राप्त हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्येंद्र कुमार जैन, उनके परिवार और दोस्तों का दिल्ली की चार कंपनियों में नियंत्रण और हिस्सेदारी थी. दिल्ली सरकार का हिस्सा बनने से पहले जैन चार में से तीन फर्मों के निदेशकों में से एक थे. सत्येंद्र जैन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 30 मई को गिरफ्तार किया था.
5 साल में 16.5 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का दावा
एजेंसी ने जांच रिपोर्ट में दावा किया है कि इन कंपनियों ने 2011-2016 की अवधि के दौरान 16.4 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की है, जिसमें 2015-2016 में 4.61 करोड़ रुपये शामिल है. इस दौरान सत्येंद्र जैन एक लोक सेवक थे. यह पैसा सत्येंद्र कुमार जैन, उनके परिवार के सदस्यों और उनके व्यापारिक सहयोगियों, अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन के परिवारों का है.
कोलकाता की शेल कंपनी से ऐसे बने जैन परिवार के रिश्ते
रिपोर्ट में कहा गया है कि एंट्री ऑपरेटर्स ने उन कंपनियों के शेयरों में निवेश के जरिए पैसा वापस किया, जिनमें सत्येंद्र जैन निदेशक थे.रिपोर्ट के मुताबिक सत्येंद्र जैन की पत्नी का Paryas Infosolutions Pvt के निदेशक के रूप में कंपनियों का नियंत्रण था. वहीं सत्येंद्र जैन और उनके व्यापारिक सहयोगियों ने कोलकाता स्थित प्रवेश ऑपरेटरों को नकद राशि प्रदान की.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एंट्री ऑपरेटर्स ने उन कंपनियों के शेयरों में निवेश के जरिए पैसा वापस किया, जिनमें सत्येंद्र जैन निदेशक थे. वहीं मार्च 2016 में मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के 1.5 लाख शेयर सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम ने कोलकाता की एक शेल कंपनी को 15 लाख रुपये में बेचा था. जांच एजेंसी के अनुसार, इसने सत्येंद्र जैन और कोलकाता स्थित शेल कंपनी के बीच संबंध स्थापित किया.
जैन के दो दोस्त मंत्री के इशारे पर कर रहे थे काम!
अन्य कंपनियों के मामले में, जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सत्येंद्र जैन ने कंपनियों को नियंत्रित किया और अपनी पत्नी पूनम जैन, बेटियों सौम्या और श्रेया के माध्यम से धन का शोधन किया. जांच एजेंसियों ने यह भी आरोप लगाया है कि आप नेता के लंबे समय से सहयोगी और दोस्त- अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन, मंत्री के इशारे पर कथित तौर पर धनशोधन कर रहे थे.