
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (एएपी) के विधायक और अरविंद केजरीवाल की सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं. हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाए जाने का मामला मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी राजेंद्र पाल गौतम का पीछा छोड़ता नजर नहीं आ रहा.
दिल्ली पुलिस की एक टीम मंगलवार की सुबह इस मामले में पूछताछ के लिए नोटिस लेकर राजेंद्र पाल गौतम के घर पहुंच गई. दिल्ली पुलिस ने राजेंद्र पाल गौतम को नोटिस देकर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है. राजेंद्र पाल गौतम से दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए आज ही पहाड़गंज थाने पहुंचने को कहा है. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल से दिल्ली पुलिस की टीम दोपहर 2 बजे पहाड़गंज थाने में पूछताछ करेगी.
दिल्ली पुलिस की ओर से राजेंद्र पाल गौतम को दी गई नोटिस में कहा गया है कि 5 अक्टूबर को नई दिल्ली के अंबेडकर भवन में हुए एक कार्यक्रम में कुछ शब्द कहे गए जिनसे जनता की भावनाओं को गहरा धक्का लगा है. इस कार्यक्रम में आप भी मौजूद थे. दिल्ली पुलिस की ओर से ये भी कहा गया है कि इस मामले में लिखित शिकायतें मिली हैं जिनके आधार पर मामले की जांच की जा रही है.
दिल्ली पुलिस ने राजेंद्र पाल गौतम से 11 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा है. नोटिस में कहा गया है कि अगर समय पर नहीं पहुंचे तो ये मान लिया जाएगा कि इस मामले में आपको अपना पक्ष नहीं रखना है और इसके बाद कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी.
राजेंद्र पाल ने मामले को गुजरात चुनाव से जोड़ा
दिल्ली पुलिस की नोटिस मिलने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने आजतक से बात करते हुए कहा कि अगर मेरी गिरफ्तारी हुई तो बीजेपी को मिठाई भेजूंगा. उन्होंने कहा कि पुलिस की पूछताछ के दौरान संविधान में दर्ज 22 शपथ भी दिखाऊंगा. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आरोप लगाया कि पूरा मामला गुजरात चुनाव से जुड़ा है. गुजरात चुनाव में बीजेपी हार रही है.
बौद्ध धर्म दीक्षा समारोह को लेकर होगी पूछताछ
बताया जाता है कि दशहरा के दिन बौद्ध धर्म दीक्षा समारोह का आयोजन हुआ था जिसमें राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे. राजेंद्र पाल गौतम की मौजूदगी में इस कार्यक्रम के दौरान हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाई गई थी. इसका वीडियो सामने आने के बाद राजेंद्र पाल गौतम विवादों में आ गए. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इसे मुद्दा बनाकर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल दिया.
राजेंद्र पाल को मंत्री पद से देना पड़ा था इस्तीफा
हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने के मुद्दे ने तूल पकड़ा तो राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. राजेंद्र पाल गौतम ने इसे लेकर सफाई देते हुए कहा था कि 14 अक्टूबर 1956 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने छुआ-छूत के विरोध में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी और 22 प्रतिज्ञा ली थी.
राजेंद्र पाल गौतम ने ये भी कहा था कि हर साल लोग बौद्ध धर्म की दीक्षा लेते समय ये प्रतिज्ञा दोहराते हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ये प्रतिज्ञा डॉक्टर अंबेडकर लाइफ एंड स्पीचेज में छपवाया भी है. उन्होंने कहा था अंबेडकर के रास्ते पर चलने वाला आदमी हूं और किसी की भावनाओं को कभी आहत नहीं कर सकता. हर धर्म के प्रति मेरी आस्था है.