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गोरखपुर कांड: वर्दी वालों को बचाने का दांव? ADG ने उछाली होटल में 'भगदड़' की थ्योरी!

एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक शुरुआत में यह बताया गया कि पुलिस वहां होटल में जांच करने पहुंची थी कि कुछ लोग वहां किन वजहों से रुके हैं? इसी दौरान वहां पर भगदड़ हुई और गिरने से मनीष गुप्ता को चोट आई है, ऐसा बताया गया है.

ADG प्रशांत कुमार ने पूरे मामले में सफाई देते हुए नई थ्योरी को सामने रख दिया ADG प्रशांत कुमार ने पूरे मामले में सफाई देते हुए नई थ्योरी को सामने रख दिया
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 30 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST
  • 6 पुलिसवालों पर है मनीष गुप्ता के कत्ल का इल्जाम
  • बेरहमी से पीट-पीटकर किया गया मनीष गुप्ता का मर्डर
  • पुलिसवालों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं अफसर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कानपुर के एक कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कत्ल का इल्जाम किसी और पर नहीं बल्कि आधा दर्जन पुलिसवालों पर है. लिहाजा, राज्य के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार इस मुद्दे पर पुलिस का पक्ष रखने के लिए खुद सामने आए और अपने कारिंदों को बचाने के लिए 'भगदड़ थ्योरी' पेश कर दी. साथ में ये भी कहा कि दोषी कोई भी हो उसे छोड़ा नहीं जाएगा.

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एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक शुरुआत में यह बताया गया कि पुलिस वहां होटल में जांच करने पहुंची थी कि कुछ लोग वहां किन वजहों से रुके हैं? इसी दौरान वहां पर भगदड़ हुई और गिरने से मनीष गुप्ता को चोट आई है, ऐसा बताया गया है. लेकिन अब पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है.

प्रशांत कुमार ने पुलिस का पक्ष रखते हुए यह भी बताया कि पोस्टमार्टम में भी मनीष गुप्ता के सिर में चोट लगने का मामला सामने आया है. सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. शासन के स्तर पर इस बात की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी कि जांच बिल्कुल निष्पक्ष हो और अगर कोई दोषी है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

इसे भी पढ़ें-- मनीष गुप्ता मर्डर केसः पीड़ित परिवार से मिले CM योगी, मामला गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर 

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एडीजी के अनुसार गोरखपुर में आदेश के मुताबिक होटलों में ठहरने वालों की सामान्य चेकिंग की जाती है और उसी क्रम में पुलिस की एक टीम उस होटल में गई थी, लेकिन वहां ऐसा क्या हुआ कि यह मौत हो गई. इस बात की गहनता से जांच कराई जा रही है. इस मामले में जो भी जितने भी लोग दोषी होंगे, उन्हें दंड भी उसी हिसाब से मिलेगा.

प्रशांत कुमार ने बताया कि पीड़ित परिवार ने जो भी लिख कर दिया है, उसे ही एफआईआर में तब्दील किया गया है. आईपीसी की धारा 302 के तहत पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में मुख्यमंत्री के स्तर से जो भी सहायता होगी, वह कराई जाएगी.

आपको बता दें कि उधर, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के परिवार से मुलाकात की. सीएम योगी ने उन्हें इंसाफ दिलाने का पूरा भरोसा दिया. सीएम योगी ने मनीष के बेटे की पढ़ाई का खर्चा उठाने और मीनाक्षी को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया. उन्हें विकास प्राधिकरण में ओएसडी की नौकरी दी जाएगी. साथ ही राहत राशि को भी 10 लाख रुपये से बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. योगी ने पुलिस लाइन में मनीष की पत्नी मीनाक्षी और उनके बेटे से मुलाकात की. मीनाक्षी के मुताबिक उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश भी दिया है. 

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