
गुजरात के किशन भरवाड हत्याकांड के सिलसिले में एटीएस की टीम ने तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि इन तीनों ने हत्या करने वाले शब्बीर को मौलाना अय्यूब के कहने पर बंदूक और गोली उपलब्ध कराई थी. साथ ही हत्या के बाद शब्बीर और इम्तियाज को छिपने के लिए जगह भी दी थी.
एटीएस के मुताबिक इस मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए मौलाना कमर गनी उस्मानी लखनऊ में रजिस्टर्ड 'तहरीक-ए-फरोकी इस्लाम' नाम की संस्था के नाम से पैसा इकट्ठा करता था.
गुजरात एटीएस ने खुलासा करते हुए कहा कि आरोपी कमर गनी उस्मानी का पाकिस्तान के आंतकी संगठन से अब तक कोई रिश्ता सामने नहीं आया है. लेकिन एटीएस के मुताबिक वो तहरीक-ए-फरोकी इस्लाम नामक संगठन चलाता है. उसके सगंठन में रजिस्टर हुए लोगों से वो हर रोज एक रुपया दान में लेता है. दान के पैसे के लिए दो अलग-अलग बैंक खाते भी खुलवाए हैं.
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एटीएस के डिप्टी एसपी बीएच चावड़ा ने बताया कि कमर गनी उस्मानी एक बार नहीं बल्की कई बार अहमदाबाद आ चुका है. उसके फोन रिकॉर्ड से पता चला है कि वो दुबई में किसी के साथ बातचीत करता था. अब एटीएस जांच कर रही है कि दुबई में वो किसके साथ बातचीत करता था.
हाल ही में पकड़े गए आरोपियों के फोन भी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा है. ताकि पता चल सके कि कौन-कौन लोग इनके संपर्क में थे. क्या किसी आंतकी संगठन के साथ इनका कनेक्शन था? आरोपियों के पास से मिली किताबों की जांच भी पुलिस कर रही है. इस केस में केंद्रीय जांच एजेंसियां भी पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर सकती हैं. ये पूछताछ भी आतंकी कनेक्शन को लेकर होगी.