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हरियाणा में गन कल्चर और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गाने बैन, पुलिस कार्रवाई तेज

बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसे गानों पर अंकुश लगाने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है. इसमें ऐसे गायक, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म टारगेट पर हैं, जो नफरत भड़काते हैं.

: The suspension order was given "to stop the spread of misinformation and rumours" through social media platforms. (Representative picture) : The suspension order was given "to stop the spread of misinformation and rumours" through social media platforms. (Representative picture)
aajtak.in
  • चंडीगढ़,
  • 01 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:23 PM IST

बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसे गानों पर अंकुश लगाने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है. इसमें ऐसे गायक, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म टारगेट पर हैं, जो नफरत भड़काते हैं. साइबर क्राइम यूनिट की टीमें सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखे हुए हैं. जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई कर रही हैं. 

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पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसे गाने या म्यूजिक वीडियो काफी संख्या में दर्शक जुटाते हैं. युवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं. पिछले महीने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दस से अधिक गाने हटाए गए, जिनमें से सात लोकप्रिय हरियाणवी गायक मासूम शर्मा के गाए गाने थे. मासूम शर्मा ने कहा, "मेरा कहना सिर्फ इतना है कि कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. दस गाने प्रतिबंधित किए गए हैं, इनमें से सात मेरे हैं. जब मैं हाल ही में गुरुग्राम में एक कार्यक्रम कर रहा था, तो पुलिस ने मुझसे लिखित में आश्वासन लिया कि मैं प्रतिबंधित कोई भी गाना नहीं गाऊंगा. मैंने ऐसा किया, लेकिन भेदभाव नहीं होना चाहिए.''

गायक मासूम शर्मा ने कहा कि वो सरकार के फैसले के साथ हैं. लेकिन दूसरे कलाकारों के बहुत सारे प्रतिबंधित गाने हैं, जिन्हें सोशल मीडिया से नहीं हटाया गया है. यदि सरकार ने उनसे शुरुआत की है, तो यह अच्छी बात है, लेकिन कार्रवाई निष्पक्ष होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उनके कुछ गाने, जिन्हें लाखों लोग देखते थे, हटा दिए गए हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हुआ है. इसके बावजूद वो इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं.

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इस बीच पुलिस ने कहा कि कार्रवाई बहुत निष्पक्ष तरीके से की जा रही है. इसमें कुछ भी चुनिंदा नहीं है. यह बहुत निष्पक्ष है. हर शब्द का विश्लेषण किया जाता है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमें सम्मान करना चाहिए. लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि सीमाएं कहां पार की जा रही हैं. उचित जांच की जाती है. सरकार की यह कार्रवाई पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के साल 2019 के आदेश के तहत की जा रही है, जिसमें प्रतिबंध लगाया गया है.

कई खाप पंचायतों ने भी ऐसे गीतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया है. हाल ही में एक बैठक में कंडेला, पुनिया, माजरा और कुछ अन्य खापों के नेताओं ने बंदूक संस्कृति, अश्लीलता और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गीतों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. पिछले हफ्ते हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गीतों की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि समाज को सकारात्मक दिशा देना सबकी जिम्मेदारी है.

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