
वांटेड गैंगस्टर दीपक 'बॉक्सर' को गिरफ्तार कर लिया गया है. वो मेक्सिको में था. उसे इंस्ताबुल के रास्ते आज सुबह भारत लाया गया. उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि दीपक बॉक्सर मेक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका जाने की कोशिश कर रहा था.
ये पहली बार है जब दिल्ली पुलिस की टीम ने किसी गैंगस्टर को पकड़ने के लिए देश के बाहर ऑपरेशन चलाया है. पुलिस ने उसके ऊपर तीन लाख रुपये का इनाम रखा था. दीपक बॉक्सर गोगी गैंग को लीड करता था. ये गैंग कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग के साथ मिलकर काम करती थी.
कोलकाता से मेक्सिको तक ऐसे पहुंचा दीपक
स्पेशल कमिश्नर (स्पेशल सेल) एजीएस धालीवाल ने बताया कि कई रास्तों से होकर मेक्सिको तक पहुंचा था. मेक्सिको से वो अमेरिका पहुंचने की फिराक में था. लेकिन वो अमेरिका की एजेंसी एफबीआई के बिछाए जाल में फंस गया.
उन्होंने बताया कि जनवरी में इनपुट मिला था कि दीपक ने रवि अंटिल नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था. ये पासपोर्ट उसने बरेली में बनवाया था. इसके बाद वो कोलकाता से दुबई पहुंचा.
धालीवाल ने बताया कि दुबई से होते हुए वो अलमाटी, कजाखस्तान और फिर तुर्की पहुंचा. यहां से वो स्पेन गया. कई सारे रास्तों से होते हुए वो आखिरकार मेक्सिको पहुंच गया.
ऐसे पकड़ में आया दीपक बॉक्सर
धालीवाल ने बताया कि पुलिस लगातार उसको ट्रैक कर रही थी. उन्होंने बताया कि उसके साथियों से पूछताछ करने और टेक्निकल इनपुट की मदद से पता चला कि दीपक मेक्सिको के केनकन शहर में है. केनकन शहर मानव तस्करों और ड्रग माफियाओं के लिए बदनाम है.
धालीवाल के मुताबिक, दीपक मेक्सिको इसलिए गया क्योंकि वो यहां से मानव तस्करों की मदद से अमेरिका जाना चाहता था. अमेरिका में पहले से ही उसके कई साथी मौजूद हैं. यहां से वो दिल्ली और आसपास के राज्यों में अपनी गैंग चलाना चाहता था.
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम मेक्सिको पहुंची, जहां स्थानीय अधिकारियों और एफबीआई ने मदद की. मेक्सिको में गिरफ्तार करने के बाद उसे इंस्तांबुल के रास्ते दिल्ली लाया गया.
पुलिस ने ये भी बताया कि बीते कुछ महीनों में उसकी गैंग से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसके रिश्तेदारों और गैंग के सदस्यों से ही फर्जी पासपोर्ट की बात पता चली थी. पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को शक है कि मेक्सिको तक पहुंचने में उसने 40 लाख रुपये खर्च किए. इसमें उसकी मदद उसके कजिन संदीप ने की.
क्यों वांटेड था दीपक बॉक्सर?
दीपक बॉक्सर भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों में से एक है. भारत में उसके खिलाफ पांच साल में मर्डर और एक्सटॉर्शन जैसे 10 मामले दर्ज हैं.
इसी साल 16 मार्च को स्पेशल सेल ने दीपक बॉक्सर और उसकी गैंग पर एक केस दर्ज किया गया था. उसे गिरफ्तार भी इसी मामले में किया गया है.
पिछले साल 23 अगस्त को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बिल्डर अमित गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसकी जिम्मेदारी दीपक ने ली थी. उसने दावा किया था कि गुप्ता की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वो टिल्लू गैंग का करीबी था. अमित गुप्ता को दीपक की गैंग के शार्पशूटर अंकित गुलिया ने गोली मारी थी.
कौन है दीपक बॉक्सर?
दीपक बॉक्सर हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर का रहने वाला है. वो सात साल पहले तब चर्चा में आया था जब उसने गोगी गैंग के सरगना जितेंद्र मान उर्फ गोगी को पुलिस हिरासत से भगा ले गया था.
सितंबर 2021 में रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में दो लोगों ने गोली मारकर गोगी की हत्या कर दी थी. इसके बाद दीपक बॉक्सर गोगी गैंग का मुखिया बन गया.
दो साल पहले जीटीबी हॉस्पिटल में पुलिस पर हमला हुआ था. इसमें भी दीपक शामिल था. इस हमले में वांटेड अपराधी फज्जा भाग गया था. मार्च 2021 में एनकाउंटर में फज्जा को मार गिराया गया.