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सपा नेता श्याम सुंदर यादव की फर्म पर इनकम टैक्स का शिकंजा, फर्जी कंपनियों के जरिए 250 करोड़ के लेन-देन के मिले सबूत

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी नेताओं पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. सपा के पूर्व विधायक दीप नारायण यादव पर विजिलेंस जांच के बाद अब सपा नेता श्याम सुंदर यादव पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है. 3 अगस्त को सपा नेता की फर्म घनाराम कंस्ट्रक्शन के झांसी स्थित कॉर्पोरेट दफ्तर के अलावा लखनऊ, गोवा, दिल्ली समेत 33 ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड में बड़ी गड़बड़ी के सबूत मिले हैं.

घनाराम कंस्ट्रक्शन फर्म के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी (फाइल फोटो) घनाराम कंस्ट्रक्शन फर्म के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी (फाइल फोटो)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर यादव की फर्म घनाराम कंस्ट्रक्शन के जरिए करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला सामने आ रहा है. 3 अगस्त को इनकम टैक्स विभाग ने श्याम सुंदर की झांसी में फर्म दफ्तर के अलावा लखनऊ, गोवा, दिल्ली समेत 33 ठिकानों पर छापेमारी की थी. विभाग को पड़ताल में फर्जी कंपनियों के जरिए 250 करोड़ के लेन-देन का मामला सामने आया है.

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इसके अलावा विभाग को यह भी पता चला कि फर्जी कर्जदारों के जरिए कंपनी के फायदे को घाटे में दिखाया गया. फर्जी बिल और वाउचर से 200 करोड़ का भुगतान दिखाया गया. टैक्स व स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रियल स्टेट में खरीदी गई . इसके अलावा संपत्ति कैश में खरीदी गई.

विभाग को बड़े पैमाने पर दूसरों के नाम पर संपत्तियों की खरीद के दस्तावेज भी मिले हैं. इसके अलावा छापेमारी के दौरान 10.13  करोड़ कैश और 5.61  करोड़ के जेवरात बरामद हुए हैं. इसके अलावा इनकम टैक्स को 153 करोड़ की अतिरिक्त आय के सुबूत मिले हैं.

समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं कंपनी के डायरेक्टर

बुंदेलखंड में अरबों के कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट करने वाली घनाराम कंस्ट्रक्शन कंपनी बुंदेलखंड की सबसे बड़ी और यूपी की बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में शुमार है. घनाराम कंस्ट्रक्शन समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी श्यामसुंदर यादव की है. इसमें उनके भाई बिशन सिंह यादव डायरेक्टर हैं. तीन दशक पहले झांसी जिला परिषद और रेलवे की ठेकेदारी करने वाले श्याम सुंदर यादव ने अपने दिवंगत पिता घनाराम यादव के नाम पर इस कंपनी की नींव रखी थी.

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अखिलेश-शिवपाल के करीबी हैं श्याम सुंदर

सपा की सरकार में बुंदेलखंड के सबसे बड़ी एरच बांध परियोजना को घनाराम कंस्ट्रक्शन ने पूरा किया था. तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के करीबियों में श्याम सुंदर यादव गिने जाते थे. ऐसे में एरच बांध प्रोजेक्ट का ठेका मिला तो श्याम सुंदर पर करोड़ों के घपले के आरोप भी लगे. इसके बाद बुंदेलखंड का देवरी बांध प्रोजेक्ट भी इस कंपनी को मिला. श्याम सुंदर यादव मुलायम सिंह यादव खेमे के नेता गिने जाते रहे हैं. 

बुंदेलखंड में बालू के हैं सबसे बड़ा कारोबारी

झांसी के प्रतिष्ठित सीता होटल के पास स्थित रेलवे की बेशकीमती जमीन को लीज पर लेकर घनाराम कंस्ट्रक्शन के मालिक और सपा के पूर्व विधायक दीप नारायण यादव बुंदेलखंड का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बना रहे हैं.

बताया जा रहा है कि झांसी मेडिकल कॉलेज के पीछे बन रही सालासर सिटी भी श्याम सुंदर यादव और दीप नारायण के पार्टनरशिप का प्रोजेक्ट है. सिमर्धा में 80 एकड़ जमीन इनके पास है. झांसी और आसपास चार पेट्रोल पंप और झांसी का लेमन ट्री होटल भी इसी कंपनी का प्रोजेक्ट है, जहां पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की. बुंदेलखंड में आज भी बालू के सबसे बड़े कारोबारी के तौर पर घनाराम कंस्ट्रक्शन का ही नाम आता है. 

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2019 में लड़ा था लोकसभा चुनाव

2017 में बीजेपी की सरकार आई तो श्याम सुंदर यादव भी भाजपाई हो गए, लेकिन उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ. ऐसे में वह फिर से समाजवादी पार्टी में लौट गए. 2019 का लोकसभा और 2022 में एमएलसी चुनाव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर लड़ा, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गए.

 

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