Advertisement

IPC Section 136: किसी भगोड़े सैनिक को पनाह देने के मामले में प्रावधान बताती है ये धारा

आईपीसी की धारा 136 में भगोड़े सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक के बारे में प्रावधान किया गया है. चलिए जान लेते हैं कि IPC की धारा 136 के विषय में क्या बताती है?

भगोड़े फौजी को पनाह देने से जुड़ी है ये धारा भगोड़े फौजी को पनाह देने से जुड़ी है ये धारा
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:59 PM IST
  • भगोड़े फौजी को पनाह देने से जुड़ी है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • जुर्म और सजा का प्रावधान बताती है IPC

Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता में भारत की सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर कई तरह के कानूनी प्रावधान मौजूद हैं. ऐसे ही आईपीसी की धारा 136 में भगोड़े सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक के बारे में प्रावधान किया गया है. चलिए जान लेते हैं कि IPC की धारा 136 के विषय में क्या बताती है?

Advertisement

आईपीसी की धारा 136 (Indian Penal Code Section 136)  
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 136 (Section 136) में अभित्याजक को संश्रय देना यानी किसी भगोड़े को पनाह देने के लिए के लिए सजा का प्रावधान किया गया है. CrPC की धारा 136 के अनुसार, जो कोई सिवाय एतस्मिन् पश्चात् यथा अपवादित (As hereinbefore excepted) के, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण (Reason to believe) रखते हुए कि भारत सरकार (Indian government) की सेना, नौसेना या वायुसेना (Army, Navy or Air force) के किसी आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक (Officer, soldier, sailor or airman) ने अभित्यजन (Desertion) किया है, ऐसे आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को संश्रय देगा, वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.

सजा का प्रावधान (Punishment provision)
ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर किसी भांति के कारावास (Imprisonment) से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी. या उस पर आर्थिक जुर्माना (Monetary penalty) किया जाएगा. या दोषी को दोनों प्रकार से दंडित (Punished) किया जाएगा. यह एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है. जो किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है. यह अपराध समझौता योग्य नहीं है. मगर यह धारा ऐसे मामले में लागू नहीं होगी, जिसमें कोई पत्नी अपने पति को पनाह देगी.

Advertisement

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 135: किसी सैनिक को काम छोड़कर भाग जाने के लिए बहकाना होता है अपराध 

क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement