Advertisement

IPC Section 16: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 16? क्या है प्रावधान?

ब्रिटिश शासनकाल में भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के सेक्शन 16 (Section 16) में गवर्नमेण्ट ऑफ इण्डिया (Government of India) को परिभाषित (Defined) करने का प्रावधान हुआ करता था.

आईपीसी की धारा 16 में परिभाषा मिला करती थी आईपीसी की धारा 16 में परिभाषा मिला करती थी
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST
  • गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से संबंधित थी IPC की धारा 16
  • 1937 में निरस्त कर दी गई थी IPC की धारा 16
  • अंग्रेजों ने लागू की थी आईपीसी

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) यानी IPC में 23 अध्याय हैं. जिनमें 511 धाराएं शामिल हैं. इनमें एक धारा 16 थी, जो गवर्नमेण्ट आफ इण्डिया को परिभाषित करती थी. उसी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 16 (Section 16) क्या है और उसमें क्या है प्रावधान.

क्या है आईपीसी की धारा 16 (IPC Section 16)

ब्रिटिश शासनकाल में भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के सेक्शन 16 (Section 16) में गवर्नमेण्ट ऑफ इंडिया (Government of India) को परिभाषित (Defined) करने का प्रावधान हुआ करता था. लेकिन साल 1937 में आईपीसी की समीक्षा के दौरान IPC की धारा 16 को 'विधि अनुकूलन आदेश, 1937' के माध्यम से निरस्त कर दिया गया था. इसलिए IPC की यह धारा अब अर्थहीन है. 

Advertisement

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 15: जानें, क्या है आईपीसी की धारा 15, साल 1937 से क्या है संबंध? 

क्या है आईपीसी (IPC)

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा और दंड का प्रावधान करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

1862 में लागू हुई थी IPC

ब्रिटिश कालीन भारत के पहले कानून आयोग की सिफारिश पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement