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IPC Section 36: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 36?

आईपीसी (IPC) की धारा 36 (Section 36) में अंशत: कार्य (Partly Act) द्वारा और अंशत: लोप (Partly Omission) के परिणाम (Result) को परिभाषित (Defined) किया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 36 इसके बारे में क्या जानकारी देती है?

IPC की धारा 36 अंशत: कार्य और अंशतः लोप के बारे में बताया गया है IPC की धारा 36 अंशत: कार्य और अंशतः लोप के बारे में बताया गया है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST
  • अंशत: कार्य, लोप से संबंधित है IPC की धारा 36
  • 1862 में लागू की थी आईपीसी

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में कानून (Law) से जुड़े प्रावधानों (Provisions) के बारे में जानकारी तो मिलती ही है, साथ ही जुर्म (Crime) और उसकी सजा (Punishment) के बारे में भी पता चलता है. आईपीसी (IPC) की धारा 36 (Section 36) में अंशत: कार्य (Partly Act) द्वारा और अंशत: लोप (Partly Omission) के परिणाम (Result) को परिभाषित (Defined) किया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 36 इसके बारे में क्या जानकारी देती है?

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आईपीसी की धारा 36 (IPC Section 36)
Indian Penal Code यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 36 (Section 36) अंशत: कार्य (Partly Act) द्वारा और अंशत: लोप (Partly Omission) द्वारा कारित परिणाम (Result) से संबंधित है. Section 36 के मुताबिक 'जहां कहीं किसी कार्य (Act) द्वारा या किसी लोप (Omission) द्वारा किसी परिणाम (Result) का कारित किया जाना (to be caused) या उस परिणाम को कारित करने का प्रयत्न करना (try to cause) अपराध (Offense) है, वहां उस परिणाम का अंशत: कार्य (Partly Act) द्वारा और अंशत: लोप (Partly Omission) द्वारा कारित किया जाना वही अपराध समझा जाता है.'

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 35: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 35? 

क्या है आईपीसी (IPC)?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

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अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

 

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