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रांची से लापता, लखनऊ से बरामदगी और बलात्कार... दहला देगी इस नाबालिग लड़की की दर्दनाक कहानी

16 अगस्त को वो लड़की अपने स्कूल तो गई, लेकिन फिर वापस नहीं लौटी. घरवालों ने उसे सब जगह तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. इसके बाद उन्होंने पुलिस थाने जाकर उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.

पुलिस ने इस मामले में रेप, मानव तस्करी और पॉक्सो एक्ट लगाया है (सांकेतिक फोटो- Meta AI) पुलिस ने इस मामले में रेप, मानव तस्करी और पॉक्सो एक्ट लगाया है (सांकेतिक फोटो- Meta AI)
aajtak.in
  • रांची,
  • 09 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:20 PM IST

झारखंड के रांची से पिछले महीने लापता हुई नाबालिग लड़की को पुलिस ने आखिरकार उत्तर प्रदेश के लखनऊ से सकुशल बरामद कर लिया. पुलिस ने सोमवार को इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस केस में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लड़की के साथ बलात्कार किए जाने और अगवा किए जाने की बात भी सामने आई है.

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दरअसल, रांची की 13 वर्षीय लड़की को तमार थाना पुलिस ने लखनऊ से बरामद किया है. साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह घटना 24 दिन पहले की है. जब 16 अगस्त को वो लड़की अपने स्कूल तो गई, लेकिन फिर वापस नहीं लौटी. घरवालों ने उसे सब जगह तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. इसके बाद उन्होंने पुलिस थाने जाकर उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.

तमार थाने के प्रभारी निरीक्षक रोशन कुमार ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि लड़की से पूछताछ में पता चला है कि 16 अगस्त को एक युवक उसे अपने साथ बुंडू बस स्टैंड ले गया था और बाद में एक दूसरा युवक उसे अपने साथ पटना ले गया. लेकिन वो शख्स फिर उसे पटना में ही एक ट्रक में छोड़कर भाग गया. इसके बाद उस ट्रक के चालक ने उस नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया और वही ट्रकवाला उसे लखनऊ में फेंक कर चला गया.

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एसएचओ रोशन कुमार ने आगे बताया कि पुलिस ने रविवार को दर्ज एफआईआर के आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उसके बयान से कई कड़ियां गायब हैं. वे विभिन्न माध्यमों से उन्हें जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामला बलात्कार और मानव तस्करी से संबंधित धाराओं के अलावा POCSO अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है. 

पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रति भान सिंह ने इस मामले में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि उनकी टीम ने जांच शुरू कर दी है और एफआईआर में पीड़िता द्वारा किए गए दावों की पुष्टि कर रहे हैं. 

उधर, बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार इस मामले में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के बाद से पूरे मामले पर नज़र रख रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि लड़की को पटना में एक ट्रक ड्राइवर को बेच दिया गया था. उनका दावा है कि लड़की को 20 अगस्त के दिन स्थानीय पुलिस ने लखनऊ में पाया था. फिर उन्होंने बिना कोई एफआईआर दर्ज किए उसे लखनऊ के राजकीय बालिका गृह को सौंप दिया था. अब इस मामले की जांच जारी है.

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