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झारखंडः विभागीय जांच में दोषी मिला गैंगरेप का आरोपी एएसआई, बर्खास्तगी की अनुशंसा

रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आरोपी एएसआई राजकुमार शर्मा को विभागीय जांच जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त करने की अनुशंसा डीआईजी से कर दी है.

पिछले साल की है गैंगरेप की घटना पिछले साल की है गैंगरेप की घटना
सत्यजीत कुमार/आकाश कुमार
  • रांची,
  • 25 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST
  • एसएसपी ने डीआईजी से की अनुशंसा
  • पुलिस गेस्ट हाउस में हुआ था गैंगरेप

झारखंड में 14 साल की नाबालिग के साथ पुलिस गेस्ट हाउस में हुए गैंगरेप के मामले में आरोपी असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) राजकुमार शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी. विभागीय जांच के बाद रांची पुलिस ने रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) से गैंगरेप के मामले में आरोपी राजकुमार शर्मा को बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी है. रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने राजकुमार को विभागीय जांच जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त करने की अनुशंसा डीआईजी से कर दी है.

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रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा की ओर से बर्खास्तगी की अनुशंसा डीआईजी से कर दी गई है. इस मामले में पीड़िता ने आरोपी एएसआई राजकुमार शर्मा की गिरफ्तारी के बाद टेस्ट आईडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) के जरिए पहचान की थी. घटना में शामिल विपुल और करण को सबसे पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद हलचल बढ़ गई थी और एएसआई राजकुमार शर्मा पकड़ा गया था.

नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप के इस मामले में पुलिस ने गेस्ट हाउस के केयरटेकर अरविंद कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. विभागीय जांच के दौरान आरोपी एएसआई से उसका पक्ष भी सुना गया. आरोपी ने जांच अधिकारी को अपना जवाब भेजा था लेकिन उससे वे संतुष्ट नहीं हुए. विभागीय जांच में दोषी पाया गया. नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है.

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इस मामले में लोअर बाजार थाने की पुलिस की ओर से चार्जशीट भी कोर्ट में दायर की जा चुकी है. शुरुआत में मामला अपहरण की धाराओं में दर्ज हुआ था. उस समय केस की जांच एएसआई नरेश कुमार यादव को सौंपी गई थी. पीड़िता का बयान सामने आने के बाद पॉक्सो और गैंगरेप से संबंधित धाराएं भी जोड़ी गई थीं. ये घटना पिछले साल यानी साल 2020 की है.

12 अगस्त को घर से ट्यूशन जाने के लिए निकली थी नाबालिग

पीड़िता के पिता के अनुसार नाबालिग 12 अगस्त 2020 को घर से ट्यूशन जाने के नाम पर निकली थी. वह आरोपियों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ गैंगरेप की घटना हुई थी. किशोरी के पिता की तहरीर पर 13 अगस्त को लोअर बाजार थाने में अपहरण का केस दर्ज हुआ था. नाबालिग किशोरी को बरामद किए जाने के बाद सीडब्ल्यूसी के सामने 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था जिसमें उसने अपने साथ गैंगरेप का खुलासा किया था.

नाबालिग किशोरी ने कहा था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी. इस दौरान उसका दोस्त शर्माजी (एएसआई) वहां मिला था. शर्माजी ने 500 रुपये देकर विपुल को खाना लाने भेज दिया था. इसके बाद शर्माजी ने सबसे पहले उसके साथ रेप किया. वापस आकर विपुल ने भी रेप किया. इसके बाद ओला कैब से उसे डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां नाबालिग अपने परिचित करण के घर में रुक गई थी. पुलिस ने वहीं से नाबालिग को बरामद किया था.

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