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कंझावला केस में पुलिस को फटकार, कोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं जुटा पाए CCTV फुटेज, सबूतों से छेड़छाड़ का इंतजार?

कंझावला मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार भी लगाई है. इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि अब तक पुलिस केस से जुड़ी सभी सीसीटीवी फुटेज नहीं जुटा पाई है. इस पर पुलिस का सिर्फ इतना कहना है कि उन्हें पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है.

कंझावला केस कंझावला केस
सृष्टि ओझा/अनीषा माथुर/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

कंझावला मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले ये आरोपी कुछ दिन पुलिस कस्टडी में भी रह चुके हैं. लेकिन इस बार सोमवार को जब आरोपियों को पेश किया गया, कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. जोर देकर कहा गया कि पुलिस एक बार में सारे सीसीटीवी फुटेज इकट्ठे क्यों नहीं करती है.

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पुलिस को क्यों पड़ी कोर्ट से फटकार?

असल में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट के सामने कहा कि एक सीसीटीवी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि आरोपी एक बार गाड़ी से नीचे उतरे थे, उन्हें दिखा था कि नीचे कुछ फंसा हुआ है, लेकिन फिर भी वे बाद में गाड़ी चलाते गए. पुलिस ने ये भी बताया कि उन्होंने अब तक 6 सीसीटीवी फुटेज जुटा लिए हैं. लेकिन पुलिस की इस प्रकार की जांच से अदालत संतुष्ट नजर नहीं आई. दो टूक कहा गया कि एक बार में सभी फुटेज क्यों नहीं जुटाए जाते.

कोर्ट ने पुलिस से क्या पूछा?

कोर्ट ने कहा कि आप तो 90 दिनों तक सिर्फ सीसीटीवी-सीसीटीवी करते रहेंगे. एक बार में सारी फुटेज क्यों नहीं ली जाती. क्या आप जानते हैं कि उस इलाके में कितने सरकारी सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं? आपको सबूत इकट्ठा करने में कितना समय जाएगा? आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं? क्या सबूतों के साथ छेड़छाड़ का इंतजार? कोर्ट की इस फटकार पर पुलिस सिर्फ इतना कह पाई कि उन्हें पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है. गिरफ्तार किए गए आरोपी लगातार गुमराह करने का काम कर रहे हैं. पुलिस ने कोर्ट को इस बात की भी जानकारी दी कि मामले में आरोपी आशुतोष की भूमिका पर और ज्यादा जांच की जा रही है. यहां तक कहा गया है कि साजिश के एंगल को नकारा नहीं जा सकता है और इस दिशा में भी तफ्तीश जारी है. इस समय आरोपियों को आमने सामने बिठाकर भी पूछताछ की जा रही है. वहीं फेस रिकॉगनिजेशन के जरिए सीसीटीवी से चेहरे की पहचान भी हो रही है.

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पुलिस के पास क्या जानकारी?

वैसे इसी मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने रविवार को बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उन्हें पता था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गई है लेकिन वे डर के चलते गाड़ी दौड़ाते रहे. इस दौरान कंझावला तक के रूट में उन्होंने कई बार गाड़ी यू टर्न की. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें डर था कि कहीं लड़की को गाड़ी से निकाला तो हत्या का केस लग जाएगा. वे इस मामले में बुरी तरफ फंस जाएंगे इसलिए एक्सीडेंट के बाद आरोपियों ने लड़की को कार के नीचे से निकालने की कोशिश नहीं की. उन्होंने बताया कि वे बेहद डर गए थे इसलिए गाड़ी को बार-बार घुमाए जा रहे थे. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां जाएं. वे लड़की के गाड़ी के निकलने तक इंतजार करते रहे और गाड़ी चलाते रहे.

किनकी भूमिका मानी जा रही संदिग्ध?

अब तब इस मामले में कई लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. एक तरफ आरोपियों में आशुतोष की भूमिका पुलिस के मन में कई सवाल उठा रही है तो वहीं दूसरी तरफ अंजलि की दोस्त निधि भी सवालों के घेरे में है. निधि को लेकर ज्यादा सवाल इसलिए क्योंकि वो इस केस की सबसे बड़ी चश्मदीद गवाह है. उसकी आंखों के सामने ये पूरी घटना हुई है. बड़ी बात ये है कि सबकुछ जानते हुए भी उसने अपने दोस्त की मदद नहीं की थी और वो मौके से भाग गई थी. जिस तरह से उसने अंजलि के नशे में होने के दावे किए हैं, वो भी इस केस को घुमाने का काम कर रहे हैं.

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