
कंझावला मामले में रोहिणी कोर्ट ने आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने आशुतोष की जमानत याचिका का विरोध किया था. कहा गया था कि जांच अभी महत्वपूर्ण स्टेज पर है. चश्मदीदों से पूछताछ होनी है. ऐसे में आशुतोष को छोड़ा नहीं जा सकता है. पुलिस ने ये भी जानकारी दी है कि आरोपियों पर IPC की धारा 302 लगाई जाएगी.
पुलिस ने कोर्ट में क्या कहा?
अब जानकारी के लिए बता दें कि आरोपी आशुतोष ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. कहा गया था कि जिस आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है, उसमें जमानत दी जा सकती है. उसकी तरफ से जांच में भी पूरा सहयोग किया गया है. यहां तक कहा गया है कि इस मामले में अंकुश को पहले ही जमानत दे दी गई है. लेकिन पुलिस इससे इत्तेफाक नहीं रखती है. उनकी तरफ से पेश हुए वकील ने कहा है कि आशुतोष ने ही अपनी गाड़ी आरोपियों को दी थी. जिसे गाड़ी दी उसके पास लाइसेंस भी नहीं था. ऐसे में इस पूरी साजिश में आशुतोष की भूमिका की जांच होना जरूरी है.
कोर्ट ने पुलिस को क्यों फटकार लगाई?
अभी के लिए कोर्ट द्वारा आरोपियों को इस मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. सभी से पुलिस पूछताछ भी हो रही है. लेकिन फिर भी कोर्ट द्वारा पुलिस को अपनी जांच के लिए फटकार पड़ी है. कहा गया है कि अभी तक सारे सीसीटीवी फुटेज का ना मिलना अपने आप में एक बड़ा फेलियर है. इससे पहले भी कोर्ट ने कहा था कि अगर सीसीटीवी फुटेज निकालने में इतनी देर लगेगी, तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ संभव है. इस मामले की बात करें तो शक के घेरे में कई लोग हैं. अंजलि की दोस्त निधि पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. उसका यूं मौके से भाग जाना, पुलिस को दो दिन तक कुछ ना बताना, अपनी ही दोस्त पर नशे में होने का आरोप लगाना, इन सभी पहलुओं ने केस को उलझाने का काम किया है. वहीं इस केस का दूसरा पहलू ये है कि अब ये साबित हो चुका है कि आरोपियों को पहले से पता था कि उनकी गाड़ी के नीचे अंजलि फंसी हुई है. ऐसे में पुलिस इस दिशा में अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है.