
कंझावला कांड में अंजलि को कार से 12 किमी. तक घसीटने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाएगा. पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने यह आदेश दिया है. गृह मंत्रालय के इस आदेश का अंजलि के परिवार ने स्वागत करते हुए कहा है कि अब उनकी बेटी को इंसाफ मिल जाएगा लेकिन निधि पर पुलिस ने क्या ऐक्शन लिया.
अंजलि की मां और उसकी नानी ने कहा कि अगर अंजलि गलत होती तो कोई मेरे साथ नहीं होता. सभी जानने वाले, पड़ोसी हर किसी ने मेरे साथ दिया है. निधि ने मेरी बेटी पर जितने भी आरोप लगाए थे, जब गलत थे. वहीं अंजलि की नानी ने मांग की है कि निधि की खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उस रात निधि ही उसको लेकर कई थी. उसी ने ये सब कराया है.
प्रेशर आया तो पुलिस को मोटिव मिल गया
परिवार ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए है. उन्होंने कहा कि इतने दिन से हम आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिसवाले कहते थे कि मोटिव नहीं है. अंजलि की नानी से कहा कि उन लोगों ने हत्या तो की ही थी. धारा-302 तो लगना ही चाहिए थी. अब ऊपर से प्रेशर आया है तो पुलिसवाले धारा-302 तो लगाएंगे ही.
वहीं अंजिल की मां ने कहा कि जब हम धरना देकर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग करते तो थे, वे पुलिस कहती थी कि एक नॉर्मल एक्सीडेंट है, 302 नहीं लग सकती. कहते थे मोटिव नहीं है. कार्रवाई का आश्वासन देकर थाने से भगा देते थे लेकिन अब कहां से मोटिव आ गया.
पुलिस सही से ड्यूटी करती तो आज वो जिंदा होती
अंजलि की मां ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर पुलिसवालों ने उस दिन अपनी ड्यूटी निभाई होती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती.
उन्होंने कहा कि जिन्होंने मेरी बेटी के साथ ऐसा किया उनको फांसी की सजा हो ताकि हर किसी की बेटियां सेफ हो, किसी की तरफ कोई गलत निगाह न डाल सके. कुछ भी बुरा सोचते हुए भी डरें.
PCR में तैनात पुलिसवाले सस्पेंड
गृह मंत्रालय ने कहा कि वारदात के वक्त जो पीसीआर वैन और पिकेट तैनात थीं, उनमें मौजूद पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. इन पीसीआर वैन की तादाद तीन है. इसके साथ ही डीसीपी से भी जवाब तलब किया गया है.
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिस वक्त वारदात हुई, इलाके के डीसीपी स्पष्टीकरण दें कि कानून व्यवस्था के क्या इंतजाम थे. अगर कुछ उचित जवाब नहीं है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. एक अन्य निर्देश में कहा गया है कि वारदात की जगह के आस-पास इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए.