
दिल्ली के कंझावला में 1 जनवरी को अंजलि सिंह का सड़क पर शव मिला था. इस केस को 10 दिन हो गए हैं. लेकिन अभी तक यह गुत्थी सुलझी नहीं है. केस के दिन से अभी तक इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच गुरुवार को कोर्ट से भी दिल्ली पुलिस को फटकार लगी. कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि अभी तक मामले में सभी CCTV फुटेज हासिल क्यों नहीं किए गए?
गुरुवार को रोहिणी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 6 आरोपियों को पेश किया गया. कोर्ट ने इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट ने पुलिस को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आखिर कब तक सीसीटीवी खोजते रहेंगे? आपको इसमें कितना टाइम लगेगा?
6 फुटेज, 20 गवाह...पुलिस को कोर्ट में क्या क्या कहा?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि उन्हें आरोपियों की रिमांड नहीं चाहिए. पुलिस ने बताया कि इस मामले में 6वें आरोपी आशुतोष की भूमिका अलग है. वह उस शख्स का हैंडलर है, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. पुलिस ने कोर्ट में बताया था कि ये पूरा रूट काफी लंबा था. ऐसे में हमने रूट के 6 सीसीटीवी फुटेज लिए हैं. पुलिस के मुताबिक, घटना का पूरा टाइमलाइन बन गया है. आरोपियों को पता चल गया था कि उनके कार में बॉडी फंसी है. कार एक्सीडेंट के 2 मिनट बाद रोकी. इसके बाद दो आरोपी नीचे उतरे और उन्होंने देखा कि गाड़ी में कोई फंसा है. हालांकि, पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को पहचान नहीं बताई.
मामले में एक और गवाह मिला
पुलिस के मुताबिक, कार में 5 लोग पार्टी करके लौटे थे. लेकिन एक एक्सीडेंट से कुछ दूर पहले ही उतर गया था. कार में चार लोग थे. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने जो रूट इस्तेमाल किया था, उसकी पहचान हो गई है. कुल 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने बताया कि एक नया गवाह मिला है, वह एक्सीडेंट वाली जगह से 100 मीटर की दूरी पर था. उसे भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने आशुतोष को गिरफ्तार किया. मामले में एक और आरोपी अंकुश ने कोर्ट में सरेंडर किया था, उसे जमानत भी मिल गई है.
आरोपियों को पता था कार में बॉडी फंसी है- पुलिस
इससे पहले पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि आरोपियों को पता था कि कार में महिला की बॉडी फंसी है. लेकिन उन्होंने उसे बचाने की कोशिश इसलिए नहीं की, क्योंकि उन्हें डर था कि उन्हें ऐसा करते हुए कोई देख न ले.
क्या हुआ था 1 जनवरी को?
अंजलि अपने दोस्त के साथ न्यू ईयर की पार्टी कर होटल से निकली थी. इसके बाद उसकी स्कूटी का कार से एक्सीडेंट हो गया. अंजलि का पैर कार में फंस गया और वह सुल्तानपुरी से कंझावला तक 12 किमी घिसटती रही. पुलिस के मुताबिक, अंजलि को जिस कार ने टक्कर मारी थी, उसमें 5 लोग थे. लेकिन उनमें से एक व्यक्ति एक्सीडेंट से पहले ही उतर गया था. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को पता चल गया था कि उनके कार के नीचे लड़की की बॉडी फंसी थी. लेकिन उन्हें डर था कि अगर उन्होंने कार रोकी या बॉडी को बाहर निकाला तो कोई उन्हें देख न ले. जांच के दौरान आरोपियों के बयान में विरोधाभास भी था. आरोपी लगातार बयान बदल रहे हैं. उनके हर दावे की पुष्टि की जा रही है और हर एंगल से जांच की जा रही है.