
Kannada Actress Ranya Rao Gold Smuggling Case: कन्नड़ अभिनेत्री रन्या राव के सौतेले पिता और आईपीएस अधिकारी के रामचंद्र राव ने सोने की तस्करी के मामले में रान्या की गिरफ्तारी पर हैरानी और निराशा जताई है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनके करियर पर कभी कोई धब्बा नहीं लगा. हालांकि, उनका पिछला सर्विस रिकॉर्ड कुछ और ही कहानी बयां करता है.
उधर, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जांच के सिलसिले में अभिनेत्री रन्या राव की तीन दिन की हिरासत मांगी है. यह अपील आर्थिक अपराध अदालत के समक्ष पेश की गई, जहां रन्या के बचाव पक्ष के वकीलों ने आपत्तियां दर्ज करने के लिए अदालत से समय मांगा है.
हालांकि, डीआरआई के वकीलों ने तर्क दिया कि हिरासत की मांग करते समय आपत्तियों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए, उन्होंने मामले की संवेदनशील प्रकृति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है, और मुख्य विवरण खुली अदालत में प्रकट नहीं किए जा सकते. उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि यदि आवश्यक हो, तो जांच विवरण एक सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया जा सकता है.
अदालत को सूचित किया गया कि पिछले दो दिनों में महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं और विवरण सार्वजनिक रूप से प्रकट करने से जांच खतरे में पड़ सकती है. डीआरआई ने हिरासत पर जोर देते हुए कहा कि एक बड़े सिंडिकेट की संभावना है और बहुआयामी जांच की जरूरत है.
अभियोजन पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी हवाला दिया, जिसके तहत ऐसे मामलों में 40 दिनों तक की हिरासत की अनुमति दी गई है. जज ने फैसला सुनाया कि जांच पूरी होने के बाद ही जमानत याचिका पर विचार किया जा सकता है.
उधर, दूसरी तरफ IPS रामचंद्र राव का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. उनके करियर पर कोई काला धब्बा नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें रन्या की तस्करी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें गिरफ्तारी के बारे में केवल मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चला.
उन्होंने कहा कि जब मीडिया के माध्यम से ऐसी घटना मेरे संज्ञान में आई तो मैं भी हैरान और हताश हो गया, मुझे इनमें से किसी भी चीज़ की जानकारी नहीं थी, किसी भी अन्य पिता की तरह मैं भी हैरान था. वह हमारे साथ नहीं रह रही है, वह अपने पति के साथ अलग रहती है. कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण उनके बीच कुछ समस्या है.
हालांकि, रामचंद्र राव का अपना करियर विवादों से भरा रहा है. साल 2014 में, मैसूर के दक्षिणी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के पद पर रहते हुए, वे एक बड़े हवाला कांड में फंस गए थे. पुलिस ने हवाला के पैसे ले जा रही एक बस को रोका और उसमें से 20 लाख रुपये जब्त किए थे. हालांकि, बाद में केरल के एक व्यवसायी ने पुलिस पर उनसे बहुत ज्यादा पैसे हड़पने का आरोप लगाया था.
कारोबारी ने मैसूर के येलवाल इलाके में केरल जा रही एक बस से 2.07 करोड़ रुपये लूटने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और जांच के दौरान पुलिस के मुखबिरों और यहां तक कि रामचंद्र राव के निजी गनमैन को भी गिरफ्तार किया गया था. नतीजतन, उन्हें दक्षिणी रेंज के आईजीपी के पद से हटा दिया गया था और मुख्यालय में फिर से नियुक्त किया गया.
इसके दो साल बाद, रामचंद्र राव फिर से मुश्किल में पड़ गए थे. सीआईडी ने उनसे और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से कथित फर्जी मुठभेड़ के सिलसिले में गैंगस्टर धर्मराज और गंगाधर चड़चना की मौत के बारे में पूछताछ की थी. सीआईडी द्वारा पूछताछ किए जाने पर राव ने कहा था कि उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं है.
इस बीच, 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 12.56 करोड़ रुपये की 14.8 किलोग्राम विदेशी सोने की छड़ों के साथ गिरफ्तार होने के बाद रन्या रॉय को सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पूछताछ के दौरान रन्या ने दावा किया कि उसे सोने की तस्करी के लिए ब्लैकमेल किया गया था.