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बिकरू कांडः विकास दुबे के 6 साथी गिरफ्तार, पुलिस पर अटैक में इस्तेमाल राइफल भी बरामद

कानपुर में 2 जुलाई 2020 को हुए चर्चित बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ की छानबीन और धरपकड़ अभी तक थमी नहीं है. यूपी एसटीएफ की टीम ने सोमवार को विकास दुबे गैंग के 6 और सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है. खास बात ये है इन लोगों के पास से पुलिस ने विकास दुबे की सेमी ऑटोमेटिक रायफल भी बरामद की है.

विकास दुबे ने एनकाउंटर से पहले उज्जैन में सरेंडर किया था (फाइल फोटो) विकास दुबे ने एनकाउंटर से पहले उज्जैन में सरेंडर किया था (फाइल फोटो)
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 01 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST
  • विकास दुबे गैंग के बदमाशों पर एसटीएफ की कार्रवाई
  • गैंगस्टर विकास के आधा दर्जन साथी गिरफ्तार
  • विकास दुबे की सेमी ऑटोमेटिक राइफल भी बरामद

कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे गैंग के 6 बदमाशों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. साथ ही बिकरू में शूटआउट के वक्त इस्तेमाल की गई एक ऑटोमेटिक राइफल भी एसटीएफ ने बरामद की है. इस राइफल का इस्तेमाल पुलिस पर हमले के लिए किया गया था. उसी हमले में विकास दुबे और उसके साथियों ने 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था.

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कानपुर में 2 जुलाई 2020 को हुए चर्चित बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ की छानबीन और धरपकड़ अभी तक थमी नहीं है. यूपी एसटीएफ की टीम ने सोमवार को विकास दुबे गैंग के 6 और सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है. खास बात ये है इन लोगों के पास से पुलिस ने विकास दुबे की सेमी ऑटोमेटिक रायफल भी बरामद की है.

जानकारी के मुताबिक इसी सेमी ऑटोमेटिक रायफल से विकास दुबे ने बिकरू गांव में पुलिस टीम पर फायरिंग की थी. बिकरू कांड के बाद से गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथी फरार थे. बाद में पुलिस नए एक एक कर उसके कई साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.

कुछ दिन बाद गैंगस्टर विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे यूपी एसटीएफ के हवाले कर दिया था. यूपी एसटीएफ की टीम जब विकास दुबे को लेकर वापस कानपुर आ रही थी. तभी कानपुर से पहले वो गाड़ी पलट गई थी. जिसमें विकास दुबे मौजूद था.

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पुलिस का दावा था कि इस दौरान विकास दुबे एक पुलिस वाले की गन छीन कर भाग रहा था. तभी वो पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. इस मामले में सबसे हैरानी की बात ये थी कि बिकरू कांड के बाद विकास दुबे और उसके साथियों के लाइसेंसी असलहों की फाइले कानपुर के असलहा विभाग से गायब हो गई थी. गायब हुई फाइलों की संख्या करीब 200 थी.

असलहा विभाग से विकास दुबे समेत 200 लोगों की शस्त्र लाइसेंस की फाइलें गायब होने से हड़कंप मच गया था. इस मामले की जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके गुर्गों ने कई शस्त्र लाइसेंस बनवा रखे थे. 

चर्चित बिकरू कांड के बाद प्रशासन ने गांव के एक-एक शस्त्र लाइसेंस धारक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस निरस्त किए थे. जांच में पता चला कि गैंगस्टर विकास दुबे ने वर्ष 1997 में अपना पहला शस्त्र लाइसेंस बनवाया था. जब जांच अधिकारियों ने इसकी जानकारी असलहा विभाग से करनी चाही तो मालूम चला कि उसकी फाइल ही गायब थीं. 

 

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