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Piyush Jain Raid: गोल्ड स्मगलिंग या हवाला कारोबार से तो नहीं जुड़े हैं पीयूष जैन के तार!

पीयूष जैन आखिर कैसे अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया? आखिर कैसे पीयूष जैन की फर्म पर जीएसटी की सबसे बड़ी टैक्स चोरी सामने आई? क्या पीयूष जैन के घर से बरामद सोने का गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट से भी कनेक्शन है. क्या उसके ठिकाने से बरामद 197 करोड़ की रकम का हवाला के कारोबार से कोई कनेक्शन है?

पीयूष जैन की सादगी देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि वो धनकुबेर है पीयूष जैन की सादगी देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि वो धनकुबेर है
संतोष शर्मा
  • कानपुर,
  • 30 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST
  • डीजीजीआई के रडार पर था कानपुर का कारोबारी
  • जीएसटी चोरी के मामले में की गई छापेमारी
  • अब कई एजेंसियां कर रही हैं पीयूष जैन की जांच

मुंबई में चंद हजार की नौकरी से जिंदगी की शुरुआत. फिर कन्नौज में स्कूटर से इत्र के केमिकल कंपाउंड का धंधा. ऐसे शुरुआत करने वाला पीयूष जैन आखिर कैसे अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया? आखिर कैसे पीयूष जैन की फर्म पर जीएसटी की सबसे बड़ी टैक्स चोरी सामने आई? क्या पीयूष जैन के घर से बरामद सोने का गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट से भी कनेक्शन है. क्या उसके ठिकाने से बरामद 197 करोड़ की रकम का हवाला के कारोबार से कोई कनेक्शन है? अब एजेंसियां इन्ही सब सवालों के जवाब तलाश रही हैं.

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पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज में मौजूद ठिकानों से बरामद 197.47 करोड़ की रकम और 23 किलो सोना बरामद हुआ, जिसकी जांच डीजीजीआई और डीआरआई कर रही है. गिरफ्तारी के बाद अब पीयूष जैन ने भले ही जीएसटी टैक्स चोरी को जुर्माने के साथ अदा करने की पेशकश कर दी हो, लेकिन जांच एजेंसियों को उसके ठिकानों से मिले कैश और सोने के साथ सैकड़ों लीटर चंदन के तेल का कोई लेखा-जोखा या हिसाब-किताब फिलहाल नहीं मिला है, जिसकी वजह से नकदी और पूरे माल को जब्त किया गया है.

वैसे घर की अलमारियों में रद्दी की तरह नोटों के बंडल को ठूंसकर रखने वाले पीयूष जैन की गिरफ्तारी भी कम रोचक नहीं है. दरअसल, कानपुर डायरेक्टरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की अहमदाबाद यूनिट के रडार पर बीते 3 महीनों से था. 3 महीने पहले कानपुर के एक गुटका कारोबारी के ठिकानों पर हुई रेड के बाद से ही डीजीजीआई की टीमों को कानपुर में बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का शक पैदा हुआ था. 

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इसी कड़ी में दिसंबर के महीने में जीएसटी की टीम ने अहमदाबाद में पान मसाला से लदे चार ट्रक पकड़े थे. ट्रक में माल के दस्तावेजों की जांच की गई तो जीएसटी चोरी का मामला पकड़ में आया. एक ही e-way पेपर पर कई ट्रक पास करवाए जा रहे थे. जांच की गई तो माल कानपुर के शिखर पानमसाला बनाने वाली त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस का निकला. 22 दिसंबर की सुबह डायरेक्टर जनरल जीएसटी इंटेलिजेंस की अहमदाबाद यूनिट ने कानपुर में शिखर पान मसाला बनाने वालों के ठिकानों पर छापेमारी की और साथ ही उस ट्रांसपोर्टर गणपति रोड कैरियर के ठिकानों पर भी छापेमारी की, जिनके ट्रकों में लादकर माल भेजा जा रहा था.

जांच के बाद शिखर पान मसाला पर जीएसटी की टीमों ने 3 करोड़ 9 लाख का टैक्स निकाला जिसे भर दिया गया. लेकिन जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्टर के ठिकानों से जीएसटी की टीमों को odochem केमिकल्स के कई फर्जी इनवॉइस बरामद हुए. जिसके बाद जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने कानपुर में पीयूष जैन के आनंदपुरी वाले घर और कन्नौज स्थित पुश्तैनी आवास पर छापेमारी शुरू की.

जिसका नतीजा था कि पीयूष जैन के घर से जीएसटी इंटेलिजेंस की टीमों को अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कैश बरामदगी हुई. 197 करोड़ 43 लाख रुपये कैश बरामद हुए. 23 किलो सोना बरामद हुआ और लगभग 600 किलो चंदन का तेल बरामद किया गया. डीजीजीआई ने बरामद किया गया कैश स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा करा दिया. पीयूष जैन को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया है. 

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अब पीयूष का कनेक्शन सोना तस्करों से भी जोड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है. उसके ठिकानों से बरामद हुआ 23 किलो सोना स्विट्जरलैंड की उस कंपनी का बताया जा रहा है, जिसको भारत में खरीदा बेचा ही नहीं जा सकता. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पीयूष जैन सोना तस्करी के सिंडीकेट से जुड़ा हो सकता है. फिलहाल कानपुर से जांच के बाद लखनऊ लौटी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम पीयूष जैन के घर से बरामद हुए सोने के बिस्किट से मिटाई गई कंपनी के नाम को पता करने की कोशिश में जुट गई है. वहीं, दूसरी तरफ जीएसटी इंटेलिजेंस और डीआरआई ने जब्त किए गए दस्तावेजों और मिली जानकारी को परखना शुरू कर दिया है.

 

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