
उत्तर प्रदेश में कानपुर में एक अक्टूबर को ट्रैक्टर ट्रॉली के पलटने से 26 लोगों की मौत हो गई थी. नौ लोग बुरी तरह घायल हुए थे. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ड्राइवर राजू के अलावा तीन लोगों को आरोपी बनाया था.
मगर, कानून के एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि कोर्ट में एफआईआर ज्यादा देर टिक नहीं पाएगी और आरोपी को इसका लाभ मिलेगा. इस खबर में जानिए पुलिस ने क्या एफआईआर लिखी है, मामला क्या है और क्यों बरी हो सकते हैं आरोपी…
यह लिखा है पुलिस ने एफआईआर में
हादसे के बाद तीन अक्टूबर को पुलिस ने एफआईआर लिखी थी. इसमें पुलिस ने लिखा था कि प्रीति ने राजू को दारु पीते देखकर उसे रोका. इस पर राजू ने कहा, “कोई मरे तो मर जाए, मैं दारू पीकर ही गाड़ी चलाऊंगा. मैं (प्रीति) ठीक होकर खुद थाने में एफआईआर लिखाने आई हूं.”
कोर्ट में केस जाने से पहले ही वादी मुकरी
ट्रैक्टर ट्रॉली हादसे में 26 लोगों की गैर इरादतन हत्या के मामले में पुलिस ने एफआईआर लिखकर आरोपी ड्राइवर राजू को जेल भेज दिया है. हालांकि, प्रीति ने साफ मना कर दिया है कि उसने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है. वह थाने भी नहीं गई थी और पुलिस ने केस करने के बारे में उससे कोई बात नहीं है.
ट्रैक्टर मालिक को भी पुलिस ने बनाया आरोपी
ये ट्रैक्टर प्रहलाद का था. पुलिस ने इस मामले में उसे भी आरोपी बनाया है. उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर में बेटे का मुंडन कराने के लिए राजू प्रहलाद का ट्रैक्टर किराए पर लाया था. पुलिस ने प्रीति के तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में दावा किया कि राजू ने प्रहलाद राम शंकर और बाने के साथ दारु पी थी.
मगर, प्रीति का दावा है कि प्रहलाद तो उस दिन इन लोगों के साथ उन्नाव गया ही नहीं था. वह प्रीति का सगा चाचा है फिर भला प्रीति उसके खिलाफ एफआईआर क्यों लिखवाएगी. बाने के बारे में प्रीति का कहना है कि मैं उसे पहचानती ही नहीं हूं. यानी प्रीति के लिखाए बिना ही पुलिस ने एफआईआर उसके नाम से क्यों लिखी, ये सवाल खड़ा हो गया है.
प्रीति ने आगे कहा कि उसने राजू को दारू पीते हुए भी नहीं देखा था. मुझसे एफआईआर के लिए पुलिस से कोई बात ही नहीं हुई है. प्रीति के पिता राजाराम ने कहा कि हमने कोई एफआईआर नहीं लिखाई है. हमको पता ही नहीं पुलिस ने अपने से लिख लिया होगा.
इसका फायदा आरोपियों को मिलेगा
हाईकोर्ट एडवोकेट तत्वेश अग्रवाल ने बताया कि अगर घटना की एफआईआर लिखाने वाली वादी मना कर रही है कि उसने एफआईआर नहीं लिखाई है, तो इससे आरोपी राजू को सीधा फायदा मिलेगा. अब सवाल ये है कि आखिर पुलिस किसी की तरफ से झूठी एफआईआर क्यों लिखी.
घायल लड़की की तरफ से एफआईआर क्यों लिखी, जो थाने गई ही नहीं. पुलिस ने एफआईआर में ये क्यों लिखा कि मैं थाने में एफआईआर लिखाने खुद आई हूं. साफ है कि पुलिस खुद इस 26 हत्याओं के नशेबाज आरोपी ड्राइवर राजू को बचाना चाहती है, क्योंकि उसका दारु पीने का मेडिकल भी नहीं हुआ था.
माता के प्रसाद में मिली थी दारू, हम सबने पी थी- आरोपी राजू
इस दुर्घटना की वजह राजू की नशेबाजी थी. यह सही है कि वह दारु पिए था. खुद राजू ने आज गिरफ्तार होने पर कहा, “मुझे माता के चढ़ावे प्रसाद में दारु पी थी, जिसको साथियों के साथ हमने पीया था.” हादसे के बाद से वह फरार था, जिसे बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
मगर, इसके साथ ही सड़क के किनारे बने वे गढ्ढे भी जवाबदेह हैं, जिसमे ट्रैक्टर का पहिया डिस्बैलेंस हो गया था और ट्राली पलट गई थी. इन गड्ढों को तीसरे दिन से भरने में प्रशासन जुटा है. इस हादसे में आरोपी राजू की मां और बेटी की मौत हुई है, जबकि उसकी पत्नी और बेटा हॉस्पिटल में भर्ती है.
सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी- एसपी आउटर
वहीं, इस मामले में एसपी आउटर तेजस्वरूप सिंह दावा कर रहे हैं कि राजू के साथ जो अन्य नामजद हैं, उनको भी जल्द गिरफ्तार करेंगे. राजू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उसने दारु पीकर ट्रैक्टर ट्रॉली चलाई थी, जिससे दुर्घटना हुई थी. ट्रैक्टर में सवारी ढोने के लिए ट्रैक्टर देने वाले समेत अन्य सभी की गिरफ्तारी की जाएगी.
पूरे देश में हुई थी हादसे की चर्चा, सीएम योगी ने ट्रैक्टर पर लगाई थी रोक
घटना के बाद खुद पीएम, राष्ट्रपति, गृह मंत्री से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तुरंत मामले को संज्ञान में लिया था. यहां तक सीएम योगी खुद गांव आए थे और इस लड़की और मृतकों के परिवार वालों से भी मिले थे. इस घटना के बाद सीएम योगी ने प्रदेश में मालवाहक वाहनों मे सवारियों के ढोने पर रोक लगा दी थी.