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कर्नाटकः आईएस खुरासान प्रोविंस के दो आतंकियों को एनआईए ने किया गिरफ्तार

अबू हाजिर अल बद्री पर तब से केंद्रीय एजेंसियों की नजर थी, जब अप्रैल 2020 आईएस का प्रोपेगेंडा करने और उसका प्रचार प्रसार करने वाली मासिक ऑनलाइन पत्रिका "वॉयस ऑफ हिंद" में उसकी भूमिका सामने आई थी.

एनआईए ने भटकल में छापेमारी कर इन दोनों को गिरफ्तार किया है एनआईए ने भटकल में छापेमारी कर इन दोनों को गिरफ्तार किया है
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST
  • एनआईए को मिली बड़ी कामयाबी
  • कर्नाटक के भटकल से दो गिरफ्तार
  • खुरासान मॉड्यूल से जुड़े होने का आरोप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने कर्नाटक के भटकल से आईएस खुरासान प्रोविंस के दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़ गए आतंकियों की पहचान जुफरी जौहर दामुदी उर्फ अबू हाजिर अल बद्री और अमीन जुहैब के रूप में हुई है. अमीन उसका सहायक बताया जा रहा है.

जुफरी जौहर दामुदी उर्फ ​​अबू हाजिर अल बद्री आईएस खुरासान प्रोविंस के पद क्रम में ऊंचा स्थान रखता है. एनआईए और कर्नाटक पुलिस ने मिलकर सीटी ऑपरेशन के तहत 5 अगस्त 2021 को भटकल, कर्नाटक से इन दोनों को गिरफ्तार किया है. 

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अबू हाजिर अल बद्री पर तब से केंद्रीय एजेंसियों की नजर थी, जब अप्रैल 2020 आईएस का प्रोपेगेंडा करने और उसका प्रचार प्रसार करने वाली मासिक ऑनलाइन पत्रिका "वॉयस ऑफ हिंद" में उसकी भूमिका सामने आई थी. आईएसआईएस के अलावा वह फंड जुटाना, हथियारों और विस्फोटकों की खरीद, मुजाहिदीनों की भर्ती और रसद की देखभाल भी कर रहा था.

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वह सीधे खुरासान (अफगानिस्तान) और सीरिया में मौजूद आईएसआईएस के नेताओं के संपर्क में था. उन्होंने अबू हाजिर को कुफरों, पुलिस कर्मियों को मारने, उनके साइबर संपर्क जुटाने, पत्रकारों, सरकारी संपत्तियों और मंदिरों को नुकसान के लिए भी उकसाया था. 

साइबरस्पेस में अबू हाजीर अल बद्री दावा करता था कि वह अफगानिस्तान/पाकिस्तान में है. वह भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए सभी सुरक्षा उपाय कर रहा था. लेकिन उसके दावे के बावजूद सोशल मीडिया पर खुरासान और पाकिस्तान से उसके संबंध का आकलन किया गया तो पता चला कि अबू हाजिर अली बद्री भारत में हो सकता है न कि खुरासान में.

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इसी आकलन के आधार और कासिम के खुलासे से मिली सूचनाओं को विकसित किया गया. इसके बाद 11 जुलाई 2021 को खुरासानी उर्फ ​​उमर निसार को गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ में मिली जानकरी के आधार पर भारतीय एजेंसियों ने विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर खुफिया जांच की और अबू हाजीर अल बद्री की असली पहचान कर ली. छानबीन में पता चला कि अबू हाजिर कर्नाटक के भटकल में जुफरी जौहर दामुदी के रूप में रहता है. 

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इसके बाद भटकल में गहन फील्डवर्क के माध्यम से एजेंसियों ने जुफरी जौहर दामुदी (30 वर्ष) और उसके एक सहयोगी अमीन जुहैब की पहचान पुख्ता की. फिर ये भी जानकारी मिली कि जुफरी जौहर दामुदी 2017 में ISIS से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किए गए अदनान हसन दामुदी का छोटा भाई है.

पकड़े जाने के बाद जुफरी जौहर जवाहर दामुदी ने पूछताछ में अफगानिस्तान, पाकिस्तान स्थित आईएस के गुर्गों से संपर्क की बात कबूल की है. साथ ही आईएस की प्रचार पत्रिका "वॉयस ऑफ हिंद" के प्रचार प्रसार की बात भी स्वीकार की. केंद्रीय एजेंसियों ने की तलाशी के दौरान दामुदी के ठिकाने से डिजिटल डिवाइस, मीडिया उपकरण और संदिग्ध जेहादी साहित्य बरामद किया है.

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बता दें कि पिछले एक महीने में एनआईए ने देशभर में 21 जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है. जिसमें अनंतनाग, श्रीनगर, बांदीपुर, बारामूला, मंगलुरू, बेंगलुरु और भटकल में रेड की गई और भारत में आईएसआईएस के 3 अलग-अलग मॉड्यूल का खुलासा किया गया. इस दौरान 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस्लामिक स्टेट (ISIS) के गुर्गे कासिम खुरासानी और अबू हाजीर अली बद्री की गिरफ्तारी आईएस के लिए एक बड़ा झटका है.

 

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