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कोलकाता कांडः दोषी को उम्रकैद की सजा के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील खारिज, CBI की याचिका स्वीकार

सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने इस मामले में एकमात्र दोषी संजय रॉय के लिए सजा-ए-मौत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की थी. हालांकि, पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

राज्य सरकार और CBI ने संजय रॉय को फांसी दिए जाने की मांग की है राज्य सरकार और CBI ने संजय रॉय को फांसी दिए जाने की मांग की है
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले के दोषी संजय रॉय को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की अपील स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जबकि सीबीआई की इसी तरह की याचिका स्वीकार कर ली.

सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने इस मामले में एकमात्र दोषी संजय रॉय के लिए सजा-ए-मौत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की थी. न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद सब्बार रशीदी की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि सीबीआई ने जांच की थी और वह अभियोजन एजेंसी थी, इसलिए सजा की मात्रा को चुनौती देने वाली उसकी अपील सुनवाई के लिए स्वीकार की जा रही है.

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हालांकि, पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया था कि केंद्रीय एजेंसी के अलावा, वह भी निचली अदालत द्वारा दी गई सजा की अपर्याप्तता का दावा करते हुए अपील दायर कर सकती है.

सीबीआई ने पीठ के समक्ष दावा किया कि चूंकि वह मामले की जांच और अभियोजन एजेंसी है, इसलिए उसे ही सजा की अपर्याप्तता के आधार पर उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है.

आपको बता दें कि पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार रूम में ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया था और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. वारदात के अगले दिन कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था.

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इसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. केंद्रीय एजेंसी ने 7 अक्टूबर को निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया और 4 नवंबर को संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए गए थे. निचली अदालत ने 20 जनवरी को मामले में दोषी ठहराते हुए संजय रॉय को उनके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने अलग-अलग कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील की, जिसमें रॉय को दी गई सजा को चुनौती दी गई और उनके लिए सजा-ए-मौत की अपील की गई. खंडपीठ ने 27 जनवरी को दोनों अपीलों पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. खंडपीठ के पूर्व निर्देशानुसार पीड़ित डॉक्टर और दोषी के माता-पिता का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित वकीलों द्वारा अदालत के समक्ष किया गया.

उधर, जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता के माता-पिता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की गई है. जिसमें इस मामले की फिर से जांच कराने का आग्रह किया गया है. पीड़ित परिवार की वकील करुणा नंदी ने इस याचिका पर CJI से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए वो आगे तारीख तय करेंगे.

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