
कोलकाता के एक घर में एक रात 6 लोगों की मौत होनी थीं. लेकिन तीन मौत होने के बाद बाकी के तीन लोगों ने अपना फैसला बदल दिया. इसके बाद वे लोग तीन लाशों को घर में छोड़ते हैं. बाहर आकर अपनी कार में बैठते हैं और वहां से निकल पड़ते हैं. मगर कुछ घंटे बाद उनकी कार का एक्सीडेंट हो जाता है. मगर वे तीनों उस हादसे में भी बच जाते हैं. और इसके बाद जो होता है, उसकी कहानी बेहद हैरान करने वाली है.
एक घर से निकलीं तीन लाशें
ईस्ट कोलकाता के टैंगरा इलाके में मौजूद चार मंजिला चित्तो निवास है. उस घर में कुल 6 लोग रहा करते थे. बड़ा भाई प्रसून डे, छोटा भाई प्रणय डे और दोनों भाईयों की पत्नी रोमी और सुदेश्ना. इन चारों के साथ प्रसून का 14 साल का बेटा और प्रणय की 14 साल की बेटी भी इसी घर में रहती थी. लेकिन 19 फरवरी की सुबह उस घर का मंज़र बिल्कुल बदला हुआ था. घर के बाहर एंबुलेंस खड़ी थी. और उस घर से एक-एक कर तीन लाशें निकाली गईं. ये लाशें रोमी, सुदेश्ना और उनकी 14 साल की बेटी की थीं.
कार में बैठकर निकले तीन लोग
इन तीन लाशों को घर से उठाए जाने से कुछ घंटे पहले उसी घर की एक दूसरी तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद है. जिसमें घर का पिछला हिस्सा दिख रहा है और चार मंजिला घर के नीचे इसी पिछले हिस्से में गैराज. रात के ठीक 12 बजकर 51 मिनट पर एक शख्स चित्तो निवास से बाहर निकलता है और गैराज का दरवाजा खोलकर अंदर जाता है. नीली कमीज और नीली जींस में ये शख्स कोई और नहीं बल्कि सुदेश्ना का पति प्रणय है. गैराज से कार बाहर निकालने के बाद ये गली में ही उसे खड़ी कर गैराज का दरवाजा बंद कर देता है. इसके बाद कार की ड्राइविंग सीट पर जाकर बैठ जाता है.
19 फरवरी 2025, रात 12 बजकर 55 मिनट
अब इसी चित्तो निवास से सफेद हुडी में एक बच्चा बाहर निकलता है और कार के बाईं तरफ का दरवाजा खोलकर ड्राइवर के बराबर वाली सीट पर बैठ जाता है. ये बच्चा कोई और नहीं बल्कि प्रसून डे का बेटा है. बच्चे के कार में बैठते ही चित्तो निवास से अब एक तीसरा शख्स बाहर निकलता है. ये प्रसून डे है. अब प्रसून कार की बाईं तरफ से पीछे का दरवाजा खोलते हैं और पिछली सीट पर जाकर बैठ जाते हैं. इस मारूति स्विफ्ट डिजाइर कार में कुल तीन लोग बैठ चुके थे. अब घड़ी में वक्त हुआ था रात 12 बजकर 55 मिनट. ठीक इसी वक्त वो कार वहां से निकल जाती है.
19 फरवरी 2025, 3 बजकर 35 मिनट
इसके बाद एक और यानी तीसरी तस्वीर सामने आई है. जिसमें वही कार है, जिसमें बैठकर चित्तो निवास से तीन लोग रात 12 बजकर 55 मिनट पर घर से निकले थे. घर से निकलने के ठीक 2 घंटे और चालीस मिनट बाद ये कार ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाईपास के करीब एक मेट्रो रेल पिलर से जा टकराती है. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का एयरबैग भी खुल जाता है. कार में सवार तीनों गंभीर रुप से घायल हो जाते हैं. कुछ राहगिरों की कार पर नजर पड़ती है. फिर वो पुलिस को इत्तिला देते हैं और पुलिस उन्हें फौरन अस्पताल ले जाती है. प्रसून डे, प्रणय डे और प्रसून का 14 साल का बेटा इस हादसे में बुरी तरह घायल हो गए थे.
प्रणय ने पुलिस के सामने खोला तीन लाशों का राज
तीनों की हालत थोड़ी बेहतर होने के बाद सुबह कोलकाता पुलिस हादसे के बारे में उनसे सरसरी पूछताछ करती है. पर इसी पूछताछ के दौरान अचानक प्रणय डे जो बताता है उसे सुनकर पुलिस दंग रह जाती है. प्रणय पुलिस को अपने घर का पता बताते हुए कहता है कि उसेक घर में इस वक्त तीन लाशें पड़ी हैं. लाशें उसकी भाभी, बीवी और बेटी की. वो पुलिस को ये भी बताता है कि इन तीनों ने खुदकुशी की है. प्रणय की ये बात सुनकर हैरान पुलिस फौरन टैंगरा इलाके की पुलिस को चित्तो निवास का पता बताती है और घर जाकर तलाशी लेने को कहती है.
सच निकली प्रणय की बात
वो 19 फरवरी 2025 का दिन था. सुबह का वक्त था. पुलिस चित्तो निवास पहुंची थी. घर के अंदर तीन ही लाशें पड़ी थी. यानी प्रणय सच कह रहा था. लाशें सुदेश्ना, रोमी और प्रणय की 14 साल की बेटी की थीं. सुदेश्ना और रोमी की कलाईयां कटी हुई थीं. साथ ही गले पर भी कट के निशान थे. पहली नजर में यही लग रहा था कि इन दोनों ने अपनी कलाईयां काट कर खुदकुशी कर ली है. 14 साल की बच्ची की कलाई तो नहीं कटी थी लेकिन उसके चेहरे, होंठ, सीने और गर्दन पर खरोंच के निशान थे. पुलिस तीनों ही लाशों को तुरंत अस्पताल भेज देती है और फिर शूरू होती है मामले की तफ्तीश.
कर्ज की वजह से लिया था खुदकुशी की फैसला
अब पुलिस के सामने सवाल थे कि जब घर में तीन लाशें पड़ी थी और उनकी जानकारी दोनों भाईयों को थी तो फिर दोनों अपने बच्चे को लेकर देर रात घर से क्यों निकले और कहां जाने के लिए निकले. पुलिस ने इस बारे में जब प्रसून और प्रणय से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि खस्ता माली हालत कर्ज में डूब जाने की वजह से पूरे परिवार ने मिलकर ये फैसला किया था कि सब खुदकुशी कर लेंगे. इसी के बाद 18 फरवरी की रात खीर में नींद की दवा मिलाकर सुदेश्ना, रोमी और प्रणय की बेटी ने खा लिया. उनकी मौत के बाद दोनों भाईयों ने ये तय किया कि वो अपने बेटे के साथ कार को तेज रफ्तार में ले जाकर उसका एक्सिडेंट कर देंगे ताकि इन तीनों की भी मौत हो जाए.
14 साल के बेटे ने खोला 3 कत्ल का राज
पर जैसे ही कोलकाता पुलिस ने प्रसून के 14 साल के घायल बेटे से अकेले में पूछताछ की तो पूरी कहानी ही पलट गई. प्रसून के बेटे ने पुलिस को बताया कि उसके चाचा प्रणय ने उसकी मम्मी, चाची और उसकी कज़न का मर्डर किया है. प्रसून के बेटे के मुताबिक, 18 फरवरी की रात खीर में नींद की दवा खिलाकर सबको मारने की बात प्रणय की बेटी यानि उसकी कजन को पता चल चुकी थी. इसीलिए उसने जहरीली खीर खाने से मना कर दिया. तब प्रणय ने जबरन उसके मुंह में वही खीर डाल दी. इस दौरान उसकी बेटी लगातार खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी. और इसी वजह से उसके चेहरे, गले और होंठो पर खरोंच के निशान मिले.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोलकर रख दी पोल
प्रसून के बेटे के बयान के बाद बाकी की कहानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने साफ कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सुदेश्ना और रोमी की कलाई और गला काटने की वजह से ही मौत हुई. पर ये मौत खुदकुशी नहीं बल्कि मर्डर था. यानि सुदेश्ना और रोमी की कलाई और गले पर जो चाकू के निशान थे वो उन दोनों ने खुद से नहीं मारे, बल्कि ये काम प्रणय ने किया था. बेशक कत्ल प्रणय कर रहा था लेकिन इस कत्ल में उसका बड़ा भाई प्रसून भी शामिल था. प्रणय की बेटी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी मौत जहर की वजह से हुई जो खीर में मिलाकर खिलाई गई थी.
तीन कत्ल के बाद कार का ऐक्सिडेंट क्यों?
केस का खुलासा होते ही अब पुलिस इस पहलू से मामले की जांच कर रही है कि क्या तीन कत्ल के बाद कार का ऐक्सिडेंट महज एक हादसा था? खुदकुशी की कोशिश थी? या फिर पुलिस को उलझाने की चाल? अगर पूरे परिवार ने मास सुसाइड करने का फैसला कर ही लिया था तो फिर देर रात दोनों भाई कार लेकर घर के बाहर क्यों निकले? उन्होंने भी वही ज़हरीली खीर क्यों नहीं खाई?
कोरोना में बर्बाद हो गया था कारोबार
अब तक की पुलिस की तफ्तीश के मुताबिक डे परिवार एक खुशहाल परिवार था. चमड़े का अच्छा खासा कारोबार था. प्रोटेक्टिव लेदर ग्लव्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से इनकी अपनी फैक्ट्री भी थी. पॉश इलाके में आलीशान चार मंजिला घर भी. इसके अलावा इनके पास कई गाड़ियां भी थी. लेकिन कोरोना की वजह से इनके कारोबार को काफी नुकसान हुआ.
कर्ज ही था वजह या कहानी कुछ और...
पुलिस सूत्रों के मुताबिक डे परिवार पर लाखों का कर्ज था. आम लोगों के अलावा कुछ बैंक के भी कर्ज थे. कर्ज वसूलने के लिए कई बार बैंक की तरफ से फैक्ट्री और घर पर भी बैंक स्टाफ आता था. सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले ही डे परिवार ने कुछ लोगों को चेक भी दिए थे. लेकिन अकाउंट में पैसे थे नहीं, इसलिए ये चेक भी बाउंस होने वाले थे. बहुत मुमकिन है इस वजह से भी डे परिवार ने ये कदम उठाया हो.
दोनों भाईयों से लंबी पूछताछ करना चाहती है पुलिस
हालांकि कोलकाता पुलिस ये तो मान रही है कि दोनों भाईयों ने तीन कत्ल किए हैं. लेकिन कत्ल का असली मकसद क्या है? इस पर पुलिस खामोश है. पुलिस का कहना है चूंकि दोनों भाई अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, इसलिए उनसे ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई है.
कत्ल साबित करने के लिए जुटाने होंगे सबूत
अब सुदेश्ना, रोमी और प्रणय की बेटी की मौत को खुदकुशी की जगह कत्ल साबित करने के लिए पुलिस को जरूरी सबूत जुटाने हैं. साथ ही ये भी साबित करना जरूरी है कि तीन कत्ल के बाद दोनों भाई अपनी कार का ऐक्सिडेंट कराकर सिर्फ और सिर्फ पुलिस को उलझाने की कोशिश कर रहे थे. यानि उनका इरादा खुदकुशी का कतई नहीं था.