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Law and Order: जानें, क्या होती है रिपोर्टिंग पुलिस चौकी? आम चौकी से कैसे है अलग?

थाना क्षेत्र काफी बड़े होते हैं, इसलिए थाने की सीमा में कई पुलिस चौकी भी स्थापित होती हैं. जिनका मकसद कानून व्यवस्था बनाए रखने और थाना प्रभारी के निर्देशों का पालन करना होता है.

पुलिस चौकी और रिपोर्टिंग पुलिस चौकी में FIR दर्ज किए जाने की सुविधा का अंतर होता है पुलिस चौकी और रिपोर्टिंग पुलिस चौकी में FIR दर्ज किए जाने की सुविधा का अंतर होता है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST
  • सामान्य पुलिस चौकी पर नहीं दर्ज होती है FIR
  • रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर दर्ज करा सकते हैं प्राथमिकी
  • थाने के अधीन होती हैं पुलिस चौकियां
  • सब इंस्पेक्टर होता है चौकी इंचार्ज

हर जनपद में कानून व्यवस्था (Law and Order) की जिम्मेदारी पुलिस (Police) की होती है. इस काम को बेहतर तरीके से करने के लिए जिले के अलग-अलग इलाकों में थाने (Police Station) और पुलिस चौकी (Police outpost) होती हैं. ताकि नागरिकों के मन में सुरक्षा का भाव रहे और वे अपनी फरियाद लेकर वहां जा सकें. अमूमन पुलिस चौकी दो तरह की होती हैं. जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
 
क्या होती है पुलिस चौकी (Police outpost)

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प्रदेश के जिलों में पुलिस का सबसे मजबूत केंद्र होता है पुलिस थाना (Police Station). जहां थाना प्रभारी समेत कई अधिकारी और कर्मचारी तैनात होते हैं. थाने का सबसे बड़ा अफसर एसओ (SO) और एसएचओ (SHO) कहलाता है. थाना क्षेत्र काफी बड़े होते हैं, इसलिए थाने की सीमा में कई पुलिस चौकी भी स्थापित होती है. जिनका मकसद कानून व्यवस्था बनाए रखने और थाना प्रभारी के निर्देशों का पालन करना होता है. पुलिस चौकी को आप थाने का एक छोटा कार्यकारी कार्यालय भी कह सकते हैं. जिसका इंचार्ज एक उप निरीक्षक (Sub Inspector) होता है. इस पद पर तैनात एसआई (SI) को चौकी प्रभारी भी कहते हैं.

सामान्य पुलिस चौकी

जिस इलाके में पुलिस चौकी होती है, वहां वो थाने से संबंधित जांच और लिखा पढ़ी के काम करती है. वहां पर वादी, पीड़ित या फरियादी शिकायत तो कर सकते हैं, मगर प्राथमिकी यानी एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं करा सकते हैं. अगर कोई फरियादी या पीड़ित वहां एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिए शिकायत देता भी है, तो उसे पुलिस चौकी से संबंधित थाने भेज दिया जाता है. वहीं एफआईआर दर्ज की जाती है. अधिकांश पुलिस चौकी ऐसी ही होती हैं. पुलिस चौकी का इंचार्ज एसआई (SI) थाना प्रभारी को रिपोर्ट करता है. 

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रिपोर्टिंग पुलिस चौकी

कुछ थाना क्षेत्र काफी बड़े होते हैं, जहां पुलिस चौकी और थाने की बीच की दूरी भी सामान्य से अधिक होती है. ऐसे बड़े क्षेत्रों में स्थापित की गई कुछ पुलिस चौकियों को प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार मिल जाता है. कोई भी फरियादी या पीड़ित सीधे उसे पुलिस चौकी में जाकर एफआईआर दर्ज करा सकता है. ऐसी पुलिस चौकियों पर भी इंचार्ज के तौर पर उप निरीक्षक (Sub Inspector) की तैनाती की जाती है. जो संबंधित थाने के एसएचओ को रिपोर्ट करते हैं. उन्हें भी चौकी प्रभारी कहा जाता है.

तो इस तरह से आपने जाना कि किसी भी पुलिस थाने (Police Station) के अधीन दो तरह की पुलिस चौकी (Police outpost) होती हैं. जहां शिकायत और सुनवाई तो दोनों ही तरह की पुलिस चौकियों पर होती है, लेकिन एफआईआर (FIR) दर्ज केवल रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर होती है.

 

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