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Law and Order: पुलिस थाने में कौन होता है 'पैरोकार', क्या होता है काम?

पुलिस में एक अहम पद होता है 'पैरोकार' (Pairokar) का. जो हर पुलिस थाने में होता है. आखिर क्या होता है पैरोकार? पुलिस थाने में क्या होता है उसका काम?

पुलिस थानों में पैरोकार का पद बहुत खास होता है पुलिस थानों में पैरोकार का पद बहुत खास होता है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST
  • हर थाने में तैनात होते हैं पैरोकार
  • कोर्ट और थाने के बीच कड़ी होते हैं पैरोकार
  • कोर्ट में थाने से जुड़े मामलों की पैरवी करते हैं पैरोकार

भारत (India) में पुलिस (Police) का इतिहास जितना पुराना है. उतनी ही पुरानी है पुलिस की कार्यप्रणाली (Police Operations). अंग्रेजों के वक्त से चले आ रहे कई पद अभी तक पुलिस में कायम हैं, ऐसा ही एक अहम पद है 'पैरोकार' (Pairokar) का. जो हर पुलिस थाने में होता है. आखिर क्या होता है पैरोकार? पुलिस थाने में क्या होता है उसका काम? आइए जानते हैं पैरोकार के बारे में..

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पैरोकार का अर्थ (Meaning of Pairokar)
हिंदी में पैरोकार में का अर्थ होता है पैरवीकार यानी पैरवी करने वाला व्यक्ति. या वह शख्स जो किसी बात या कार्य की पैरवी करता हो. या वह व्यक्ति जो अदालत (Court) में किसी मुक़द्दमे की पैरवी करता हो. ऐसे ही शख्स को पैरोकार (Pairokar) कहा जाता है. कुछ लोग उसे पैरवीकार के नाम से भी बुलाते हैं.

पुलिस में पैरोकार (Pairokar in Police)
हर राज्य के जिलों में पुलिस थाने (Police Station) होते हैं. थानों में कई तरह के पद होते हैं. लेकिन न्यायिक प्रक्रिया (Judicial process) की दृष्टि से पैरोकार का पद बहुत अहम होता है. इस पद पर हेड कांस्टेबल (Head constable) या दारोगा (SI) की तैनाती होती है. थाने में तैनात पैरोकार की अहम भूमिका होती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि पैरोकार थानों और न्यायालयों के बीच एक अहम कड़ी के तौर पर काम करते हैं. 

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असल में थानों के तहत कई मामले अदालतों में लंबित होते हैं. जहां विवेचक को तारीख पर जाना होता है. लेकिन पुलिस के पास बहुत सारे काम होते हैं, ऐसे में विवेचक का हर बार अदालत में जाना मुमकिन नहीं हो पाता. इसीलिए थानों में पैरोकार नियुक्त किए जाते हैं. जो थानों के अधीन चलने वाले मामलों में पुलिस का पक्ष अदालत के सामने रखते हैं. हर तारीख पर वही अदालत के समक्ष पेश होकर हाजरी लगाते हैं.

थानों के पक्ष और मुकदमें से संबंधित दस्तावेजों को तय समय सीमा के अंदर न्यायालय में प्रस्तुत करने का काम पैरोकार की ही जिम्मेदारी होती है. वे थानों के गंभीर मामलों को चिन्हित कर उनकी मजबूत पैरवी करते हैं. ताकि दोषी को सजा मिल सके. पैरोकार ऐसे पुलिसकर्मी को बनाया जाता है, जिसे आईपीसी और सीआरपीसी की अच्छी जानकारी हो और वह अदालत की कार्य प्रणाली को अच्छे से समझता हो.

 

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