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उम्रकैद या फांसी...दोषी करार दिए गए अतीक अहमद को क्या होगी सजा?

Atiq Ahmed News: माफिया अतीक अहमद को किसी अदालत ने पहली बार दोषी करार दिया है. इससे पहले अतीक पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन हर बार वह कानूनी दांव-पेच लगाकर बचता रहा. 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के साथ पूरा कुनबा कानूनी शिकंजे में फंस गया है.

अतीक अहमद पहली बार किसी मामले में दोषी करार. अतीक अहमद पहली बार किसी मामले में दोषी करार.
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 28 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

UP News: 17 साल बाद आखिरकार माफिया डॉन अतीक अहमद के गुनाहों का हिसाब होना शुरू हो गया है. मंगलवार दोपहर प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और उसके भाई अशरफ समेत सभी 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है. खास बात यह है कि करीब 100 मुकदमे झेल रहा अतीक पहली बार किसी मामले में गुनहगार पाया गया है.  जल्द ही अदालत दोषियों की सजा का ऐलान करेगी.  कानून के जानकार संभावना जता रहे हैं कि अदालत अतीक को फांसी या फिर आजीवन कारावास की सजा सुना सकती है.

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सोमवार को ही गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद को भारी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया गया था. आज अतीक को बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में अदालत में पेश किया गया.

जानिए क्या था पूरा मामला  

दरअसल, 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ के साथ उसके गुर्गों पर लगा था. वहीं, सन 2006 में विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद साल 2007 में मायावती सरकार आने पर उमेश पाल की तरफ से इस मामले में धूमनगंज थाने में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. इस मामले की सुनवाई बीती 23 मार्च को पूरी हो चुकी थी और अब 28 मार्च को फैसला आ गया.

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उमेश पाल अपहरण मामले के 11 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है, जबकि 10 पर आरोप तय हुए हैं. इन दोषियों में अतीक अहमद, उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, उसके गुर्गे आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली, जावेद इसरार, एजाज अख्तर, दिनेश पासी और दो अन्य लोग शामिल हैं. 

अब क्या सजा हो सकती है?  

मृतक उमेश पाल अपहरण कांड में सभी आरोपितों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें भारतीय दंड संहिता (IPS) की कई धाराएं शामिल हैं. अतीक के खिलाफ दर्ज एफआईआर में शामिल आईपीसी की धारा 364 A के तहत अपहरण के लिए दंड का प्रावधान है. आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147,148, 149, 323, 341, 504, 506, 342, 364 34, 120 बी भारतीय दंड संहिता एवं सातवां आपराधिक दंड विधि संशोधन अधिनियम लगी है.

जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र ग्रह के मुताबिक, इस मामले में अधिकतम सजा फांसी या आजीवन कारावास या जुर्माना लगाया जा सकता है. 

IPC की धारा 364 A में दंड का विधान 

आईपीसी की धारा 364 A में दंड का विधान है कि जो कोई भी किसी व्यक्ति का अपहरण करता है, अपहरण के बाद किसी भी व्यक्ति को हिरासत में रखता है और ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाने की धमकी देता है या फिर उसके आचरण से एक उचित आशंका पैदा होती है कि ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाई जा सकती है, या सरकार या किसी विदेशी राज्य या अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने या फिरौती देने के लिए मजबूर करने के लिए ऐसे व्यक्ति को चोट या मृत्यु का कारण बनता है, इसमें मौत की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माना के लिए उत्तरदायी होगा. 

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पहली बार दोषी करार 

माफिया अतीक अहमद को पहली बार अदालत ने दोषी करार दिया है. इससे पहले अतीक पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन हर बार वह कानूनी दांव-पेच लगाकर बचता रहता था. बीती 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के साथ पूरा कुनबा कानूनी शिकंजे में फंस गया है.  

अपहरण के 17 साल बाद उमेश की हत्या 

बता दें कि प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. 

अतीक का पूरा परिवार आरोपी 

शूटर्स के अलावा उमेश पाल हत्याकांड में गुजरात की जेल में बंद कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक का भाई अशरफ और उसके बेटों को आरोपी बनाया गया है. एक बेटा फिलहाल फरार है, जबकि दो नाबालिग बेटों को पुलिस ने बाल सुधार गृह भेज दिया है. वहीं, अशरफ दूसरे मामलों को लेकर बरेली जेल में बंद है. 

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अतीक एंड फैमिली की क्राइम कुंडली

माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद के नाम पर 1985 से अब तक 100 से अधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 50 मामलों में वह विचाराधीन हैं. 12 अन्य मामलों में वह बरी हो चुका है, जबकि दो मामले साल 2004 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने वापस ले लिए थे. 

वहीं, अतीक के भाई अशरफ के नाम पर 53 मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें से एक में उसे बरी कर दिया गया है जबकि अन्य पर विचार चल रहा है. इसके अलावा अतीक के बेटों पर 8 केस दर्ज हैं; उनमें से 7 अंडर ट्रायल हैं जबकि एक की पुलिस अभी भी जांच कर रही है. वहीं, अतीक की पत्नी शाइस्ता के खिलाफ 4 केस दर्ज हैं.

 

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