
लखनऊ के अजीत सिंह हत्याकांड के आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर का एनकाउंटर करने के मामले में एक आईपीएस समेत अन्य पुलिसवालों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. हाई कोर्ट ने आरोपी बनाए गए पुलिसवालों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश को खारिज कर दिया.
दरअसल, राजधानी लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड के बाद करीब एक साल पहले पुलिस ने एक आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर को मुठभेड़ में मार गिराया था. इस मामले में एक शिकायत पर सीजेएम लखनऊ ने एनकाउंटर करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे.
सीजेएम लखनऊ के उस आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह ने दोनों पक्षों की सुनवाई की और इसके बाद सीजेएम के FIR दर्ज करने के आदेश को खारिज कर दिया.
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गिरधारी एनकाउंटर मामले में आईपीएस संजीव सुमन और इंस्पेक्टर चन्द्रशेखर समेत अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था. इनके खिलाफ सीजेएम लखनऊ ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. इस मामले में पुलिस और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही और अपर शासकीय अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने अदालत में पक्ष रखा.
ये था पूरा मामला
बता दें कि पिछले साल लखनऊ के विभूति खंड इलाके में दो गुटों के बीच हुई गैंगवार के दौरान मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक अजीत सिंह बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता था. वो मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहाना विकास खंड का ब्लॉक प्रमुख रहा था. इस घटना में अजीत सिंह का एक साथी मोहर सिंह और एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गया था. इस मामले में पुलिस कुख्यात बदमाश गिरधारी की तलाश में थी. जो बाद में मुठभेड़ के दौरान मारा गया था.