
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच जारी है. इस मामले में आनंद गिरि की हिरासत में लिया गया है, जो नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे हैं. अपने सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि की जिक्र किया था. इस बीच आनंद गिरि ने एक समझौते की बात की थी, इसी कड़ी को देखते हुए पुलिस तीन अन्य लोगों से पूछताछ करेगी.
जानकारी के मुताबिक, 26 मई को नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि में एक समझौता हुआ था. दोनों में जो विवाद था, उसे दूर करने के लिए समझौता किया गया था. इस दौरान तीन लोग मौजूद थे, जिनमें सुशील मिश्रा, इंदु प्रकाश मिश्रा और ओपी पांडेय मौजूद थे.
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इंदु प्रकाश मिश्रा समाजवादी पार्टी के नेता हैं और पूर्व में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रह चुके हैं. जबकि सुशील मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. इनके अलावा मुरादाबाद में तैनात एडिशनल एसपी ओपी पांडेय भी मौजूद थे, जिनके सामने ये समझौता हुआ था.
इस दौरान एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें आनंद गिरि अपने गुरु नरेंद्र गिरि के पैर छू रहे थे. बता दें कि आनंद गिरि को हिरासत में लिए जाने से पहले ही उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि उनके गुरु के साथ जो विवाद था, उसे खत्म कर दिया गया है और हमारे बीच समझौता हो गया था.
समझौते को लेकर क्या बोले सपा नेता?
नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच हुए उस समझौते के दौरान मौजूद समाजवादी पार्टी के नेता इंदुप्रकाश मिश्रा ने इस मसले पर कहा कि वह समझौते के वक्त ज़रूर मौजूद थे. लेकिन इस समझौते के बाद उनकी आनंद गिरि से कोई मुलाकात नहीं हुई.
इंदुप्रकाश मिश्रा ने कहा कि क्या दोनों के रिश्ते खराब हुए या कोई ब्लैकमेल कर रहा था, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं तो एक भक्त की तरह हर मंगलवार को बड़े महाराज जी के दर्शन और आशीर्वाद लेने जाता था, मेरा उनसे रिश्ता सिर्फ एक महंत और भक्त का था. उससे ज्यादा कुछ नहीं था.
सपा नेता ने कहा कि कभी महंत नरेंद्र गिरि ने भी समझौते के बाद आनंद गिरि को लेकर कोई बात मुझसे नहीं की. ऐसे में इस पूरे मामले में पुलिस की निष्पक्ष जांच की जरूरत है, मुझसे अब तक पुलिस ने कोई संपर्क नहीं किया है.
सुसाइड नोट में है आनंद गिरि का नाम
गौरतलब है कि नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस को उनके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था. इस सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम भी था, आरोप था कि आनंद गिरि द्वारा लगातार नरेंद्र गिरि को परेशान किया जा रहा था. इनके अलावा लेटे हनुमान मंदिर के दो पुजारियों का भी नाम था.
पुलिस ने सुसाइड नोट में नाम के आधार पर ही धारा 306 के तहत केस दर्ज किया है. साथ ही आनंद गिरि और अन्य दो पुजारियों को हिरासत में लिया है. वहीं, आनंद गिरि का कहना है कि संपत्ति विवाद को लेकर उन्हें फंसाया जा रहा है.