
एंटीलिया केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मनसुख हीरेन की मौत के मामले की जांच भी कर सकती है. मनसुख हीरेन की मौत के मामले की जांच के लिए एनआईए ने गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी है. इसपर किसी भी समय फैसला गृह मंत्रालय का फैसला आ सकता है. गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद एजेंसी इस मामले की भी जांच शुरू कर देगी.
सूत्रों के मुताबिक यह अपराध शेड्यूल्ड नहीं है लेकिन हत्या की साजिश स्कॉर्पियो कार में पाए गए विस्फोटक से जुड़ी है. एनआईए एक्ट 2008 के सेक्शन 8 में एजेंसी को यह शक्ति दी गई है कि जब वह किसी मामले की जांच कर रही हो तो उस मामले के आरोपी या उस मामले से संबंधित किसी भी अन्य मामले की जांच वह कर सकती है. एक शीर्ष सूत्र के मुताबिक इससे संबंधित फाइल गृह मंत्रालय को भेजी जा चुकी है.
इस संबंध में बात करते हुए अधिकारी ने आगे बताया कि जब से ये मामले आपस में जुड़े हैं, मनसुख हत्याकांड और एंटीलिया बम केस की लीड एक-दूसरे से पूरी तरह जुड़े हुए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थानीय नागरिक का बनाया वीडियो यह संकेत करता है कि हीरेन की हत्या की गई. उसके मुंह में अत्यधिक कपड़े भरे गए थे. यह आत्महत्या का केस नहीं है.
गौरतलब है कि एंटीलिया केस में मनसुख हीरेन की भूमिका की भी जांच की जानी है लेकिन उसकी पहले ही मौत हो चुकी है. एंटीलिया के सामने पाई गई स्कॉर्पियो मनसुख की ही थी. मनसुख 5 मार्च को पांच घंटे तक लापता रहने के बाद मृत पाया गया था. मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया लेकिन उसकी पत्नी ने मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारी सचिन वाजे पर हत्या का आरोप लगाया था.
मनसुख हीरेन के केमिकल टेस्ट की रिपोर्ट में भी यह पुष्टि हुई है कि उसे जिंदा ही समुद्र में फेंक दिया गया था. केमिकल रिपोर्ट आने के बाद से ही यह चर्चा थी कि मामले की जांच भी एनआईए अपने हाथ में ले सकती है. बता दें कि एंटीलिया के सामने एक स्कॉर्पियो पाई गई थी, जिसमें जिलेटिन भी थे. विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो के मामले की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने सचिन वाजे को मैराथन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.