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मुंबईः जेल में बंद गैंगस्टर चला रहा था गवाहों को धमकाने का रैकेट, ATS ने ऐसे किया खुलासा

जून 2015 में एटीएस ने मेफेड्रोन का निर्माण और वितरण करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था और लगभग 155 किलोग्राम कच्ची और तैयार मेफेड्रोन जब्त की थी. उस दौरान एटीएस ने साजिद इलेक्ट्रिकवाला सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था. तभी से वो जेल में बंद हैं.

आर्थर रोड जेल में ही साजिद की मुलाकात गैंगस्टर हरीश मंडविकार से हुई थी आर्थर रोड जेल में ही साजिद की मुलाकात गैंगस्टर हरीश मंडविकार से हुई थी
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 23 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST
  • ड्रग्स केस के गवाह को मिली थी धमकी
  • पीड़ित की शिकायत पर ATS का एक्शन

महाराष्ट्र एटीएस ने गवाहों को धमकाकर केस को प्रभावित करने वाले एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब मादक पदार्थ से जुड़े मामले में एक गवाह को आर्थर रोड जेल में बंद एक गैंगस्टर के इशारे पर धमकी दी जा रही थी.  

दरअसल, जून 2015 में एटीएस ने मेफेड्रोन का निर्माण और वितरण करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था और लगभग 155 किलोग्राम कच्ची और तैयार मेफेड्रोन जब्त की थी. उस दौरान एटीएस ने साजिद इलेक्ट्रिकवाला सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था. तभी से वो जेल में बंद है. आर्थर रोड जेल में ही साजिद की मुलाकात गैंगस्टर हरीश मंडविकार से हुई. जिसके खिलाफ हत्या और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज हैं.

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साजिद से जुड़े नशीले पदार्थों के मामले में एक गवाह ने मार्च 2020 में बयान देना शुरू किया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण बयान और आगे की कार्रवाई अचानक रुक गई. इसके बाद नवंबर 2020 में, इलेक्ट्रिकवाला के खिलाफ गवाह का बयान होना था. तभी एक गवाह ने एटीएस की चारकोप इकाई से संपर्क किया और उसे धमकी दिए जाने की शिकायत की. 

गवाह ने एटीएस के अधिकारियों को बताया कि सुजीत पडवलकर नामक शख्स ने उसे सचिन कोलेकर के इशारे पर धमकी दी है. और झूठा बयान देने के लिए कहा है. इसके बाद चारकोप एटीएस की टीम ने कोलेकर को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े जाने पर उसने खुलासा किया कि वो और पडवलकर मिलकर आर्थर रोड जेल में बंद गैंगस्टर हरीश मंडविकार के आदेश पर ये काम कर रहे थे.

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पूछताछ में कोलेकर ने खुलासा किया कि उसने गैंगस्टर मंडविकार के लिए काम किया और गवाह को धमकी देने के लिए सुजीत पडवलकर को कहा था. आगे की जांच में पता चला कि गैंगस्टर मंडविकार ने अपने परिवार के सदस्यों और उससे मिलने आने वालों के माध्यम से कोलेकर जैसे गिरोह के सदस्यों को निर्देश के साथ कागजी चिठ्ठी भेजी थी.

गैंगस्टर मंडविकार जेल की सलाखों के पीछे से अपने गिरोह के सदस्यों को काम करने के लिए बाहर पर्चियों के जरिए निर्देश भेज रहा था. मंडाविकार और इलेक्ट्रिकवाला जेल में ही संपर्क में आए थे. इलेक्ट्रिकवाला गैंगस्टर मंडविकार के माध्यम से गवाह को गलत बयान देने के लिए राजी करना चाहता था. इसलिए वो गवाह को धमकाना चाहता था. 

बता दें कि मंडविकार के खिलाफ 13 मामले चल रहे हैं, जिनमें से एक मटका किंग सुरेश भगत का मामला भी है. जिसमें उसे दोषी ठहराया गया और उम्र कैद की सजा मिली है. बताया जाता है कि मुंबई के उत्तरी पश्चिमी उपनगरों में मंडविकार गिरोह खासा सक्रिय है.

एटीएस ने सोमवार को साजिद इलेक्ट्रिकवाला और गैंगस्टर मंडविकार को हिरासत में ले लिया. एजेंसी ने जांच में पाया कि कैसे मंडविकार सलाखों के पीछे रह कर भी अपनी गतिविधियां चला रहा था और कई विशेष मामलों में गवाहों को प्रभावित कर रहा था.

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