
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ सबसे बड़ा तलाशी अभियान चलाया. साथ ही कई पुलिस अधिकारियों के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. सीबीआई अधिकारियों ने महाराष्ट्र में 12 स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया.
सीबीआई अधिकारियों ने महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, ठाणे, नासिक, सांगली और अहमदनगर में तलाशी अभियान चलाया. आजतक/इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में संदिग्ध बिचौलियों के अलावा मुंबई और अहमदनगर में सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटिल और पुलिस उपायुक्त राजू भुजबल से जुड़े परिसरों की तलाशी भी ली गई. राजू भुजबल समाज सेवा शाखा के प्रभारी डीसीपी थे और एसीपी संजय पाटिल भी उसी शाखा से जुड़े थे. ईडी ने भुजबल और पाटिल से भी पूछताछ की थी.
सूत्रों का कहना है कि संघीय जांच एजेंसी इस मामले में कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार कर सकती है. सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों पर भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में सीबीआई ने अनिल देशमुख सहित अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था.
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देशमुख के दो निजी सहायकों के बयान भी हुए थे दर्ज
इससे पहले, एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक जांच के दौरान अनिल देशमुख से पूछताछ भी की थी. और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनका बयान दर्ज किया था. सीबीआई ने जांच के सिलसिले में देशमुख के दो निजी सहायकों के बयान भी दर्ज किए थे.
इसी मामले में परमबीर सिंह का बयान भी दर्ज किया गया था. जिसमें वो अनिल देशमुख के खिलाफ अपने आरोपों पर अड़िग थे. उन्होंने अपने दो अधिकारियों संजय पाटिल और सचिन वाज़े के साथ उनकी बातचीत का विवरण और अन्य सबूत भी दिए थे. संजय पाटिल और सचिन वाज़े को कथित तौर पर महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री ने अवैध वसूली करने के लिए कहा था.
सचिन वाज़े से भी हुई थी पूछताछ
सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के दावों की पुष्टि करने के लिए एपीआई सचिन वाज़े से भी पूछताछ की थी. आरोप है कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अवैध तरीके से परमबीर सिंह को 100 करोड़ रुपये की उगाही करने के लिए कहा था.
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सचिन वाज़े को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से लदी कार खड़ी करने और बाद में उस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की 4 मार्च को हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
परमबीर सिंह का पत्र
मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाज़े और मुंबई पुलिस के अन्य अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाया था और उन्हें अवैध तरीकों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का फरमान सुनाया था.
हालांकि अनिल देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया था. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट के अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश के बाद, उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, अपने कथित हस्तलिखित पत्र में सचिन वाजे ने कहा है कि जनवरी 2021 में उसे गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उनके आधिकारिक आवास पर बुलाया था, जहां उनका व्यक्तिगत सहायक भी मौजूद था.
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गृह मंत्री ने उसे बताया कि मुंबई में लगभग 1650 बार और रेस्तरां हैं और उसे इन बारों से उनके लिए 3 से साढ़े 3 लाख रुपये लाने हैं. इस पर वाज़े ने गृह मंत्री महोदय से कहा कि वो ऐसा करने की स्थिति में नहीं है. मीटिंग से बाहर आने के बाद वाज़े ने पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को ये बात बताई थी.
हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच के दौरान कथित तौर पर पाया कि सचिन वाज़े ने दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में मुंबई के बारों से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही की थी और बाद में उस रकम को अपने निजी सहायक के माध्यम से अनिल देशमुख को सौंप दिया था.
परमबीर सिंह के करीबी अधिकारियों के तबादले
उधर, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के साथ रंगदारी मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पांच पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है. एक डेवलपर की शिकायत पर परमबीर सिंह और पांच अन्य पुलिसवालों के खिलाफ मरीन ड्राइव थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है. जिसमें दो पुलिस उपायुक्त, दो सहायक पुलिस आयुक्त और एक महिला पुलिस निरीक्षक का नाम भी शामिल है. डीसीपी (अपराध) अकबर पठान, डीसीपी (आर्थिक अपराध शाखा) पराग मानेरे, एसीपी सिद्धार्थ शिंदे, एसीपी संजय पाटिल और आजाद मैदान पुलिस स्टेशन से पुलिस निरीक्षक आशा कोराके को स्थानीय शस्त्र (एलए) डिवीजन में भेजा गया है.