
महाराष्ट्र के ठाणे में रहकर पढाई करने वाली एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. उस लड़की को खुदकुशी के लिए उकसाने के इल्जाम में एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपी शख्स लड़की की एक मॉर्फ्ड तस्वीर बनाकर उसे ब्लैकमेल कर रहा था.
ठाणे पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि पुलिस ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 23 वर्षीय एक छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में राजस्थान के जोधपुर में रहने वाले 30 वर्षीय एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है. खुदकुशी करने वाली छात्रा राजस्थान की मूल निवासी थी. वो ठाणे के भयंदर इलाके में रहती थी.
दरअसल, वो लड़की एक बार फार्मेसी पाठ्यक्रम की परीक्षा देने के लिए पंजाब गई थी. जहां उसकी मुलाकात आरोपी से हुई. दोनों एक राज्य के रहने वाले थे. लिहाजा, दोनों में मुलाकात के बाद दोस्ती हो गई. वहीं पंजाब में रहने के दौरान आरोपी उस छात्रा को एक पार्क में ले गया और उसके साथ सेल्फी खींची.
सेल्फी तक तो बात ठीक थी, लेकिन इसके बाद आरोपी ने जो किया वो हैरान करने वाला था. नवघर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने सेल्फी के दौरान ली गई फोटो में छेड़छाड़ करके लड़की के गले पर 'मंगलसूत्र' की तस्वीर लगा दी और उसे बताया कि अब उसकी उसके साथ शादी हो चुकी है.
उसी तस्वीर को दिखाकर आरोपी ने छात्रा को ब्लैकमेल भी किया और वो हद से आगे बढ़ने की कोशिश करने लगा. उसने लड़की को धमकी दी कि अगर वह उसकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तो वह उस तस्वीर ऑनलाइन पोस्ट कर देगा. ये बात सुनकर लड़की के होश उड़ गए. वो बेहद परेशान थी.
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि पीड़िता को रह-रह कर आरोपी की धमकी परेशान कर रही थी. उसे इज्जत जाने का डर सता रहा था. लिहाजा, उस लड़की ने 24 दिसंबर 2023 को अपने कमरे की छत से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस केस में पुलिस ने शुरुआत में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया था.
लेकिन बाद में, पीड़िता के भाई की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बीते शनिवार को उस शख्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. हालांकि एफआईआर में शिकायत दर्ज करने में हुई देरी का कारण नहीं बताया गया है.