
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी स्थित नवोदय विद्यालय में 11वीं कक्षा की एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया था. सितंबर 2019 में छात्रा ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. छात्रा की मौत के दो साल पुराने इस मामले की जांच अब विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई है. यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है.
डीजीपी को इसी मामले में चंद रोज पहले हाईकोर्ट में पेश होना पड़ा था. होईकोर्ट ने डीजीपी को फटकार लगाते हुए एसआईटी जांच कराने के निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट की फटकार के बाद एक्शन मोड में आए डीजीपी ने एडीजी कानपुर जोन की अगुवाई में छह सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित कर दी है. डीजीपी ने एसआईटी से इस मामले में अपनी जांच छह हफ्ते में पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है.
कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर की अगुवाई में गठित इस एसआईटी में आईजी एटीएस जीके गोस्वामी, एडिशनल एसपी एसटीएफ राकेश मिश्रा, एसपी मैनपुरी के साथ कानपुर देहात में तैनात सीओ तनु उपाध्याय इस एसआईटी टीम का हिस्सा होंगी. दरअसल इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डीजीपी को तलब किया था. हाईकोर्ट ने आरोपियों के सिर्फ बयान दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं किए जाने को लेकर गहरी नाराजगी जताई.
इस मामले में बरती गई लापरवाही को लेकर हुई कार्रवाई के सवाल पर डीजीपी ने हाईकोर्ट को बताया कि जांच में लापरवाही के लिए तत्कालीन एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए रिटायर हो चुके तत्कालीन एसपी मैनपुरी अजय शंकर राय के सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान रोक सिर्फ प्रोविजनल पेंशन देने का आदेश दिया. कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि रेप के लंबित मामले में जांच दो महीने में पूरी की जाए.
16 सितंबर 2019 की है घटना
दरअसल, 16 सितंबर 2019 को मैनपुरी के एक गांव की रहने वाली कक्षा 11 की छात्रा का शव जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका मिला था. छात्रा के बैग से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था जिसमें उसने कॉलेज के प्रिंसिपल और एक छात्र पर परेशान करने का आरोप लगाया था. परिजनों ने इस मामले में रेप के बाद हत्या का आरोप लगाते हुए भोगांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी हुए.
तत्कालीन जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने सीबीआई जांच कराने की संस्तुति सरकार से कर दी थी जिसके बाद लोगों ने धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया था. सीबीआई जांच की संस्तुति के बाद भी मामले की जांच मैनपुरी पुलिस ही करती रही. मैनपुरी पुलिस ने शुरू से ही इस मामले की जांच सुसाइड के एंगल से ही की. रेप के आरोप की जांच अभी भी लंबित है. दो साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डीजीपी को तलब किया था.