
Manish Gupta Murder Case Updates: कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. याचिका में पत्नी की ओर से कहा गया है कि उन्हें यूपी पुलिस (UP Police) की जांच पर भरोसा नहीं है, इसलिए इस केस की जांच सीबीआई (CBI) से कराई जाए.
दिल्ली के निर्भया कांड में परिजनों की ओर से पैरवी करने वालीं वकील सीमा समृद्धि (Seema Samridhi) की ओर से ये याचिका लगाई है. इस याचिका में कहा गया है कि यूपी पुलिस शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. उन्हें यूपी पुलिस की एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है, इसलिए इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी जाए.
पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका में ये भी कहा है कि पुलिस ने इस मामले को पहले दुर्घटना बताया था. 48 घंटे बीत जाने के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके साथ ही एसआईटी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी लापरवाही और लेटलतीफी की है.
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क्या है पूरा मामला?
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की मौत पिछले महीने हो गई थी. मनीष अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे हुए थे. तभी रात में रामगढ़ताल थाने की पुलिस चेकिंग के लिए वहां पहुंची. पुलिस ने आईडी कार्ड मांगा. मनीष के दोस्तों ने आईडी दिखा दी, लेकिन उस वक्त मनीष सो रहे थे. आरोप है कि मनीष ने बस इतना कहा कि ये कौन सा समय है चेकिंग करने का. इस पर पुलिस वाले भड़क गए और मनीष की पिटाई कर दी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी. पत्नी मीनाक्षी का आरोप है कि चेकिंग के दौरान ही पुलिसकर्मियों ने मनीष की पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मनीष के शरीर पर गहरे चोट के निशान मिले थे.