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मनसुख हिरेन मर्डर केस: मीठी नदी से खुले कड़वे राज, NIA का दावा- सचिन वाजे ने सबूत मिटाए थे

NIA के मुताबिक, मीठी नदी में तलाशी के दौरान लैपटॉप, सीपीयू, प्रिंटर और नंबर प्लेट समेत कई अहम सबूत मिले हैं. ये सबूत वाजे ने ही नदी में फेंके थे.

मीठी नदी से NIA को कई अहम सबूत मिले हैं. मीठी नदी से NIA को कई अहम सबूत मिले हैं.
अरविंद ओझा
  • मुंबई,
  • 28 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST
  • NIA ने मीठी नदी में चलाया सर्च ऑपरेशन
  • प्रिंटर, लैपटॉप, सीपीयू, हार्डडिस्क समेत कई सबूत मिले

एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच के लिए रविवार को NIA सचिन वाजे को मीठी नदी के पास लेकर गई. NIA को शक था कि हत्या करने के बाद वाजे और उसके साथियों ने नदी में सबूत फेंक दिए थे. इन सबूतों की तलाश के लिए ही NIA यहां पहुंची. गोताखोरों की मदद से एजेंसी को कई अहम सुराग भी मिले. उसके बाद NIA के एक अधिकारी ने आजतक से बातचीत में बताया कि सचिन वाजे ने सबूत मिटाए थे. सबूत मिटाने पर जब वाजे से पूछा गया, तो उसने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बाद में जब वाजे का बुकी नरेश और मुंबई पुलिस के पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे से आमना-सामना कराया गया, तो उसने सारी बात उगल दी. 

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NIA के सीनियर अधिकारी ने बताया कि सचिन वाजे कुछ भी बताने से इनकार कर रहा था. जिसके बाद मनसुख हिरेन मर्डर केस में पकड़े गए तीनों आरोपी सचिन वाजे, बुकी नरेश और विनायक शिंदे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई. जिसके बाद वाजे ने सबूत मिटाने की बात कुबूली. उन्होंने बताया कि वाजे के कहने पर ही NIA मीठी नदी आई थी और यहां से एजेंसी को कई अहम सबूत हाथ लगे हैं.

NIA को मीठी नदी से क्या-क्या मिला?
सचिन वाजे की निशानदेही पर NIA रविवार को कुर्ला स्थित मीठी नदी पहुंची. यहां गोताखोरों की मदद से कई अहम सुराग जुटाए गए. नदी से NIA ने एक प्रिंटर, एक लैपटॉप, दो सीपीयू, डीवीआर, हार्ड डिस्क, प्रिंटर कार्टरिज और दो नंबर प्लेट बरामद हुई है. इन दोनों नंबर प्लेट पर एक ही नंबर MH02 FP 1539 चढ़ा हुआ है. 

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NIA ने बताया कि सचिन वाजे की निशानदेही पर कई जगह से कई अहम सबूत जुटाए गए हैं. एजेंसी के मुताबिक, वाजे ने जिस दुकान से नंबर प्लेट बनवाई थी, उस दुकान का रजिस्टर भी जब्त किया गया है. इसके अलावा जब सचिन वाजे के पास इस केस की जांच थी, तो उसने जहां-जहां से और जिस-जिस दुकान से सबूत लेकर मिटाए थे, उन्हें बरामद किया गया है. एजेंसी ने कुछ प्रिंटर और रजिस्टर भी बरामद किए हैं. 

एजेंसी का कहना है कि ये सबूत काफी अहम है और सेक्शन-27 के तहत कोर्ट में मान्य भी हैं. NIA का कहना है कि अब ये भी साफ हो गया है कि सचिन वाजे ने सबूत मिटाने की कोशिश की, क्योंकि उसकी निशानदेही पर ही बरामदगी हुई है. 

सचिन वाजे से अब तक NIA को क्या-क्या मिला?

सचिन वाज़े की रिमांड मांगते हुए एनआईए ने अदालत को बताया कि सचिन वाज़े से अब तक की पूछताछ के बाद वो कई अहम सबूत हासिल कर चुकी है. इनमें 1.2 टीबी डेटा, अलग-अलग मोबाइल फ़ोन, जले हुए कपड़े और कुछ दूसरे दस्तावेज़ शामिल हैं. एनआईए ने अदालत को ये भी बताया कि सचिन वाजे की सर्विस रिवॉल्वर की तीस में से 25 गोलियां गायब हैं. इसके अलावा सचिन वाज़े के कब्जे से 62 ऐसे कारतूस मिले, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है. इन चीजों का पता लगाया जा रहा है. फिलहाल, सचिन वाजे 3 अप्रैल तक NIA की कस्टडी में रहेगा.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के घर के बाहर एक स्कॉर्पियो खड़ी मिली थी. इस कार में 20 जिलेटिन (विस्फोटक) की छड़ें बरामद की गई थीं. साथ ही एक धमकी भरी चिट्ठी भी मिली थी. घटना के अगले दिन यानी 26 फरवरी को पता चला कि इस स्कॉर्पियो का मालिक मनसुख हिरेन है. लेकिन उसने 17 फरवरी को ही कार चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. 6 मार्च को संदिग्ध हालात में मनसुख हिरेन की लाश मिली. शुरुआत में इसे आत्महत्या बताने की कोशिश हुई, लेकिन मनसुख हिरेन की पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया. इस पूरे मामले की जांच NIA को सौंपी गई. 13 मार्च को NIA ने मुंबई पुलिस के पूर्व API सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया. मनसुख हिरेन की हत्या और एंटीलिया केस में सचिन वाजे की भूमिका सामने आई है. 

 

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