
मध्य प्रदेश में इंदौर के एक गांव में 30 वर्षीय महिला को घर से खींचकर उसकी सरेआम पिटाई करने और उसे कपड़े उतारकर गांव में नग्न अवस्था में घुमाने के मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. महिला को निर्वस्त्र कर पीटने का वीडियो प्रसारित और वायरल करने के आरोप में पुलिस ने गुरुवार को एक महिला समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इंदौर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सुनील मेहता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गौतमपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में होली उत्सव (25 मार्च को) के दौरान चार महिलाओं ने 30 वर्षीय महिला को उसके घर से बाहर खींच लिया था और उसकी जमकर पिटाई की थी. इसके बाद उस महिला को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया था. इस केस में चारों आरोपी महिलाओं को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
एसपी सुनील मेहता ने कहा कि पीड़िता पर हमले और उसके अपमान का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद एक महिला सहित तीन ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. उनके खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
मेहता ने कहा कि पीड़िता इस अपमानजनक घटना से परेशान और दुखी होकर अपने माता-पिता के घर चली गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने को कहा है ताकि गांव में शांति और सद्भाव कायम रहे.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पीड़िता की काउंसलिंग की जाएगी ताकि वह अपने गांव लौट सके. आरोपियों में से एक महिला को शक था कि पीड़िता अपनी सास को उसके खिलाफ भड़का रही है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, उन्हें यह भी शक था कि पीड़िता अपनी सास को बिना बताए मंदसौर शहर ले गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि चारों आरोपी महिलाओं ने पीड़िता को उसके घर से बाहर खींच लिया, उसके कपड़े उतारे और उसके साथ मारपीट की, जबकि वह रहम की गुहार लगाती रही.
पुलिस अधिकारी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित और आरोपी महिलाएं अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से हैं. पुलिस के मुताबिक, गांव के कुछ तमाशबीन लोगों ने इस अपमानजनक कृत्य का वीडियो बनाया और उसे प्रसारित कर दिया था.
इस मामले में आरोपी महिलाओं के खिलाफ पहले से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 452 (गलत तरीके से रोकना और हमला करना) के तहत मामला दर्ज है.