
Kavya Dhakad Kidnapping Drama: कोटा से रहस्यमयी तरीके से गायब हुई 20 साल की स्टूडेंट काव्या धाकड़ की गुमशुदगी का रहस्य सुलझ कर भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. पुलिस ने इतना तो पता लगा लिया है कि काव्या का अपहरण नहीं हुआ और ना ही वो किसी के शिकंजे में है, यानी वो जहां भी है अपनी मर्जी है. लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद पुलिस ना तो उसे ढूंढ पा रही है और ना ही काव्या खुद ही पुलिस के या घर वालों के सामने आ रही है. हालांकि घूम फिर कर काव्या की आखिरी लोकेशन इंदौर में ही मिल रही है.
मैसेज भेजकर मांगी थी 30 लाख की फिरौती
इस कहानी की शुरुआत हुई 18 मार्च को, जब मध्य प्रदेश के शिवपुरी के रहनेवाले काव्या के घरवालों को किसी ने मैसेज करके ये बताया कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है और अगर वो अपनी बेटी को जिंदा देखना चाहते हैं, तो उन्हें फौरन काव्या के अकाउंट में ही 30 लाख रुपये डालने होंगे. ये सुन कर लड़की के घरवालों के हाथ पांव फूल गए. बेटी को किडनैप करने वालों ने उसकी किडनैपिंग वाली हालत की कुछ तस्वीरें भी भेजी थीं. वो लड़की कोटा में रह कर नीट की तैयारी कर रही थी.
कोटा नहीं इंदौर में थी काव्या
इस मैसेज के बाद काव्या के घरवाले कोटा पहुंचे, लेकिन कोटा में उन्हें तब झटका लगा जब पता चला कि बेटी तो कोटा में रह ही नहीं रही थी, बल्कि कोटा बता कर वो इंदौर में कहीं और रह रही थी. काव्या के इंदौर के कुछ सीसीटीवी तस्वीरें भी नजर आईं, जिसमें वो दो लड़कों के साथ दिखाई दी. यानी ये साफ हो गया कि काव्या का अपहरण नहीं हुआ, लेकिन कहानी साफ हो जाने के बावजूद अब तक काव्या की गुमशुदगी एक पहेली ही बनी हुए है. क्योंकि काव्या नहीं मिल रही है.
अलग-अलग एंगल से जांच
भले ही काव्या का अपहरण नहीं हुआ, पर एक सच ये भी था कि 18 मार्च को उसी काव्या की किडनैपिंग के मैसेज आए और उसी काव्या की एक बंधक के तौर पर तस्वीर भी आई. और दोनों ही सच था. कोटा पुलिस अब हैरान परेशान थी. किडनैपिंग की तस्वीर और मैसेज उसे डरा रही थी. कोटा में छात्रों की खुदकुशी को लेकर कोटा पुलिस पर वैसे ही दबाव रहता है. अब अगर कोटा में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट को किडनैप करने के बाद उसके साथ कुछ हो जाए, तो उंगली सीधे कोटा पुलिस पर उठेगी. लिहाजा कोटा पुलिस अब फौरन कई टीमें बनाती हैं. और अलग-अलग एंगल से जांच करती है.
पुलिस ने खंगाली काव्या की CDR
काव्या के मां बाप से पूछताछ के दौरान पता चलता है कि कोटा आने से पहले काव्या कुछ वक्त तक इंदौर में भी रही थी. और वहीं से नीट की तैयारी कर रही थी. एक दो लड़कों की वजह से उसके पिता ने उसे इंदौर से वापस शिवपुरी बुला लिया था और फिर अगस्त में उसे कोटा भेज दिया. इस जानकारी के बाद अब पुलिस ने अपनी एक टीम इंदौर भेजी. इंदौर का काव्या का पुराना पता ठिकाना निकाला. उसके पुराने कॉल डिटेल खंगाले.
CCTV फुटेज में दिखाई दी काव्या
और आखिरकार 20 मार्च को पुलिस को इस केस में पहला सुराग मिला. और ये सुराग राहत देने वाला था. दरअसल, इंदौर में काव्या के पुराने ठिकाने से पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगता है. फुटेज 19 मार्च की रात नौ बज कर उनतालीस मिनट की थी. तस्वीर में काव्या एक घर से बाहर निकल कर एक लड़के के साथ जाती हुई नजर आ रही है. काव्या की पीठ पर पिट्ठू बैग भी है. इस तस्वीर को देख कर ये साफ हो गया कि काव्या किडनैप नहीं हुई है. बल्कि वो अपनी मर्जी से किसी लड़के साथ जा रही है.
दोस्तों ने खोला काव्या की किडनैपिंग का राज
अगर काव्या किडनैप नहीं हुई, तो फिर किडनैपिंग की उसकी तस्वीर कहां से आई? उस तस्वीर में काव्या के हाथ पैर दोनों ही रस्सी से बंधे हैं, मुंह को भी कपड़े से बांध दिया गया है. जिस जगह काव्या को बंधक बना कर रखा गया है, वहां पर काई कार्टून पड़े हैं. जिसके ऊपर हेल्थकेयर लिखा हुआ है. इस तस्वीर और इसके बैकड्रॉप को ढूंढते हुए पुलिस अब इंदौर में ही इस पहेली को सुलझाने की कोशिश करती है. कोशिश रंग लाती है. काव्या के दो पुराने दोस्त पुलिस के हाथ लग जाते हैं. और इसके साथ ही कहानी की कड़ियां खुलने लगती हैं.
ऐसे किया गया किडनैपिंग का फोटो शूट
आगे की जांच में पचा चला कि जिस कमरें में काव्या को बंधक बना कर फोटो खींचा गया था. वो कोई कमरा नहीं बल्कि एक घर का किचन है. और ये घर और किचन काव्या के उन्हीं दो दोस्तों में से एक ने किराये पर ले रखा था. जो पुलिस को कहानी बताते हैं. काव्या की मर्जी से ही वहां वो फोटो शूट हुआ था. फोटो शूट होने के बाद काव्या के दोस्त ने किराये का वो कमरा खाली कर दिया था. और वो दूसरी जगह जा कर रहने लगा. उसे डर था कि तस्वीर के जरिए पुलिस उस तक पहुंच सकती है. तस्वीर शूट करने के बाद कई दिनों तक काव्या और उसके दोस्तों ने इंतजार किया. फिर 18 मार्च की दोपहर 3 बजे यही तस्वीर फिरौती की धमकी के साथ काव्या के पिता को मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए भेज दी.
..इसलिए रची फेक किडनैपिंग की साजिश
पर एक सवाल का जवाब अब भी बाकी था कि काव्या ने ऐसा क्यों किया? तो काव्या के दोनों दोस्तों ने इसकी भी कहानी सुनाई. असल में काव्या अपने दो दोस्तों के साथ डॉक्टरी की पढ़ाई पढ़ने के लिए विदेश जाना चाहती थी. उसे पता था कि उसके पिता इसकी इजाजत नहीं देंगे. लेकिन उसे ये भी मालूम था कि उसके मां बाप उसे बेइंतेहा प्यार करते हैं. अगर वो किसी मुसीबत में होगी, तो वो कहीं से भी उसके लिए पैसों का इंतजाम कर सकते हैं. बस, इसी बाद काव्या ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर अपनी ही किडनैपिंग की पूरी कहानी लिख डाली.
इंदौर में रह रही थी काव्या
लेकिन काव्या ने दो गलती की. पहली कि वो कोटा के कोचिंग सेंटर में कभी पढ़ी ही नहीं और दूसरी ये कि कोटा के किसी पीजी में कभी रही ही नहीं. बल्कि तीन अगस्त 2023 को जब उसकी मां उसे कोटा छोड कर रवाना हई, तब वो 3, 4 और 5 अगस्त को कोटा के एक गेस्ट हाउस में रुकी. और फिर 6 अगस्त को इंदौर चली गई. इंदौर में वो अपने दोस्त के साथ किराये के घर में रह रही थी.
अभी भी लापता है काव्या, पुलिस की तलाश जारी
हालांकि इस कहानी का खुलासा हो जाने के बावजूद फिलहाल काव्या का कोई सुराग नहीं मिला है. यानी ना वो पुलिस के हाथ लगी है और ना ही उसने अपने घरवालों से संपर्क किया है. हालांकि कोटा पुलिस ने काव्या और उसके दोस्तों से अपील की है कि वो जहां भी हों, नजदीकी पुलिस स्टेशन में जा कर खुद को पेश कर दें. क्योंकि उसके मां बाप बहुत परेशान हैं. अजब किडनैपिंग की ये गजब कहानी हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है.
(कोटा से चेतन गुर्जर का इनपुट)