
एंटीलिया केस के मुख्य आरोपी और मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाज़े ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति चांदीवाल की एकल सदस्यता वाले आयोग के सामने बताया कि जब वह एनआईए (NIA) की हिरासत में था, तो उसे प्रताड़ित और अपमानित किया गया. उसे कई दस्तावेजों पर साइन करने के लिए भी कहा गया. जिसकी वजह से वह अभी भी सदमे में हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील के सवाल पूछने पर वाज़े ने आगे कहा कि उसने एनआईए की विशेष अदालत से उन दस्तावेजों की एक प्रति मांगी थी, जिन पर उसने साइन किए थे, लेकिन अभी तक उसे वो दस्तावेज नहीं दिए गए हैं.
देशमुख की वकील अनीता कैस्टेलिनो ने पूछा, 'जब आप एनआईए की हिरासत में थे तो क्या किसी तरह का दबाव या असहज स्थिति थी? वाज़े ने जवाब देते हुए कहा "हां, बिल्कुल, वो मेरे जीवन के सबसे दर्दनाक दिन थे."
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कैस्टेलिनो ने आगे पूछा, "क्या उस दर्दनाक समय के दौरान, विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां आपका बयान दर्ज कर रही थीं?" इस पर सचिन वाज़े ने जवाब दिया, "सही जवाब यही है कि उन 28 दिनों में एनआईए ने केवल मेरा उत्पीड़न और अपमान किया. जिसकी वजह से वह सदमे में है."
अनीता कैस्टेलिनो ने आयोग के समक्ष सचिन वाजे से आगे पूछा, "हलफनामे में आपके बयान के अलावा, दस्तावेज़ के रूप में आपके पास कुछ भी नहीं है?" इस पर वाज़े ने जवाब दिया, "जब मैं एनआईए की हिरासत में था, मुझे दबाव में कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था, जो मुझे नहीं दिए गए थे. 3 मई को, मैंने एनआईए स्पेशल कोर्ट से उन दस्तावेजों को देने का अनुरोध भी किया था."
इसके बाद अनीता कैस्टेलिनो ने आयोग से कहा कि वह आगे आरोपी सचिन वाज़े से जिरह नहीं करना चाहती हैं और इसके बाद इस मामले की सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी गई.
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बता दें कि फरवरी 2021 में एंटीलिया केस और कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाज़े को एनआईए ने हिरासत में लिया था. न्यायिक हिरासत में वाज़े के बयान के आधार पर ही ईडी ने देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किए थे और बाद में देशमुख को इस महीने की शुरुआत में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.