Advertisement

एंटीलिया केस: मौत से पहले मनसुख हिरेन के साथ की गई थी मारपीट, NIA कर सकती है जांच

रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मनसुख हिरेन को जब समंदर में फेंक दिया गया था तो उस वक्त मनसुख हिरेन की सांसें चल रही थी. यानी वो ज़िंदा थे. केमिकल एनालिसिस का मकसद यह पता लगाना था कि मनसुख को मारने के बाद पानी में फेंका गया था या फिर ज़िंदा?

मनसुख हिरेन की लाश 5 मार्च को मुंब्रा क्रीक से बरामद हुई थी मनसुख हिरेन की लाश 5 मार्च को मुंब्रा क्रीक से बरामद हुई थी
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 19 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST
  • केमिकल एनालिसिस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
  • मनसुख हिरेन को जिंदा पानी में फेंका गया
  • बोन मैरो में मिले डायटम, क्रीक के पानी से मैच

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भले ही एंटीलिया मामले को सुलझाने का दावा कर रही हो. लेकिन मनसुख हिरेन की मौत का मामला अब भी एक पहेली बना हुआ है. मनसुख हिरेन की लाश की केमिकल एनालिसिस रिपोर्ट आ चुकी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक मौत से पहले मनसुख हिरेन को बुरी तरह से मारा पीटा गया था. 

रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मनसुख हिरेन को जब समंदर में फेंक दिया गया था तो उस वक्त मनसुख हिरेन की सांसें चल रही थी. यानी वो ज़िंदा थे. केमिकल एनालिसिस का मकसद यह पता लगाना था कि मनसुख को मारने के बाद पानी में फेंका गया था या फिर ज़िंदा? रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा कर दिया है.

Advertisement

ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में किए गए डायटम टेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मनसुख हिरेन जब पानी के संपर्क में आए, तब वो ज़िंदा थे. दरअसल, किसी मुर्दा शख्स को जब पानी में फेंका जाता है, तो पानी उसके फेफड़े, ख़ून या बोन मैरो में नहीं जाता. लेकिन मनसुख हिरेन के बोन मैरो में डायटम मिले हैं, जो मुंब्रा क्रीक के पानी से मैच करते हैं. 

मनसुख हिरेन की लाश 5 मार्च की सुबह मुंब्रा क्रीक में मिली थी. लाश के साथ पांच रूमाल भी थे, जो उनके मुंह पर बंधे हुए थे. साथ ही एक स्कार्फ भी मिला था. फिलहाल, मनसुख हिरेन की मौत की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस की टीम रुमाल और स्कार्फ की पहेली को सुलझाने की कोशिश कर रही है. 

इसी सिलसिले में एटीएस की टीम केमिकल एनालिसिस की रिपोर्ट पर दोबारा राय लेना चाहती है. इसके लिए एटीएस इस रिपोर्ट को हरियाणा की मधुबन फॉरेंसिक लैब में भेजने जा रही है. एटीएस की टीम उन तमाम लोगों से भी पूछताछ कर रही है, जिन्होंने 5 मार्च को आखरी बार मनसुख हिरेन को देखा था.

Advertisement

इस मामले के संदिग्ध सचिन वाज़े चूंकि 13 मार्च से लगातार एनआईए की हिरासत में हैं, लिहाज़ा एटीएस की टीम को अभी तक उनसे पूछताछ करने का मौका नहीं मिला है. हालांकि एनआईए मनसुख हिरेन की मौत की जांच पर लगातार नज़र रख रही है. 

NIA कर सकती है मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच
सूत्रों से पता चला है कि एंटीलिया मामले से जुड़े मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच अब एनआईए संभाल सकती है. इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है. हालांकि यह कोई पहले से तय अपराध नहीं है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि हत्या की साजिश एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पियो कार और उसमें पाए गए विस्फोटकों से जुड़ी है. इसलिए एनआईए अधिनियम की धारा 8 के माध्यम से एजेंसी किसी मामले से जुड़े केस की जांच अपने हाथों में ले सकती है.

रिपोर्टः आजतक ब्यूरो

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement