
मुंबई ड्रग्स केस में फंसे बॉलीवुड किंग शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने जमानत याचिका के जवाब में दावा करते हुए कहा कि इस केस की जांच के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है. यह जांच को पटरी से उतारने की भी कोशिश भी है.
एनसीबी के मुताबिक 23 अक्टूबर 2021 को प्रभाकर आर सेल ने जो कथित हलफनामा दाखिल किया है, उससे यह बात साफ हो गई है कि जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है. एनसीबी का कहना है कि सत्र न्यायालय और उच्च न्यायालय के समक्ष मामला विचाराधीन होने से पहले किसी भी अदालत के समक्ष ऐसा कोई दस्तावेज क्यों दायर नहीं किया गया. मजे की बात यह है कि इस हलफनामे को गुप्त रूप से दाखिल किया गया और फिर मीडिया में व्यापक रूप से इसका प्रकाशन और प्रसारण किया गया. जबकि मामला कोर्ट में है.
गौरतलब है कि इस कथित हलफनामे में आवेदक आर्यन से जुड़ी प्रबंधक पूजा ददलानी का नाम भी साफतौर पर शामिल है. ऐसा लगता है कि जांच के दौरान पूजा ददलानी ने पंच गवाह को प्रभावित किया है. जांच के स्तर पर इस तरह का दखल एक साजिशभरी कोशिश है ताकि इस केस की जांच पटरी से उतर जाए और सच्चाई जाहिर ना हो.
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इस तरह के तथ्य सामने आए हैं, जिनसे पता चला कि प्रतिवादी यानी एनसीबी ने एनडीपीएस कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया. जिसमें बताया गया कि किस तरह से इस मामले की जांच प्रभावित हो रही है और जांच को पटरी से उतारने और एजेंसी को बदनाम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही एनसीबी ने रिया केस का जिक्र भी किया है.
एनसीबी की ओर से दाखिल किए गए जवाब में समीर वानखेड़े के उस हलफनामे का भी जिक्र है, जो सत्र अदालत दिया गया. सत्र अदालत ने अपने आदेश में फाइल की गई याचिकाओं को फाइल पर लेते हुए और आवेदन का निपटारा करते हुए यह कहते हुए दर्ज किया है कि "चूंकि मामला सीआर 95l4 / 2021 उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए संबंधित अदालत ही इस मामले पर उचित आदेश पारित कर सकती है.
एनसीबी ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि इस मामले की जांच के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने के साफ उदाहरण हैं. इसी आधार पर आवेदक की जमानत अर्जी खारिज की जा सकती है.
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अदालत में दाखिल किए गए करीब 135 पेज के जवाब में एनसीबी ने कहा है कि इस केस में चार्जशीट अभी दायर की जानी है. आगे की जांच से पता चला है कि इस आवेदक (आर्यन खान) से संबंधित कुछ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पता चला है जो कि प्रथम दृष्टया अवैध ड्रग्स खरीद की ओर इशारा कर रहे हैं. इस मामले में जांच की आवश्यकता है. ताकि विदेशी कनेक्शन की जांच ठीक से की जा सके. संबंधित विदेशी एजेंसी से संपर्क किया जा सके और इस काम में समय लगेगा.