
मुंबई सीमा शुल्क जोन-III ने आज 140.57 किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट कर दिया. नवी मुंबई के तलोजा में बने मुंबई वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड (MWML) की इंसीनरेशन फैसिलिटी (भट्टी) में मादक पदार्थों को जला दिया गया. जब्त मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में कीमत करीब 538 करोड़ रुपए आंकी गई थी.
जोन III के प्रधान आयुक्त राजेश सानन ने कहा कि नष्ट की गई दवाओं को जोन III के तहत तीन आयुक्तालयों ने जब्त किया था. उन्होंने बताया, “मुंबई एयरपोर्ट कमिश्नरेट ने 14 मामलों में 56.06 किलोग्राम हेरोइन और 33.81 किलोग्राम हशीश जब्त की थी. एयर कार्गो एक्सपोर्ट कमिश्नरेट में दर्ज एक मामले में 21.70 किलोग्राम हशीश जब्त की गई थी. वहीं, डीआरआई ने एक मामले में 29 किलो हेरोइन जब्त की थी.”
खास भट्टियों में जलाई जाती है ड्रग्स
हालांकि, इन ड्रग्स को मुंबई सीमा शुल्क क्षेत्र-III के निवारक आयुक्तालय (Preventive Commissionerate) ने नष्ट किया था. ऐसी जब्त की गई नशीले पदार्थों को मानकीकृत प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों से युक्त इंसीनिरेटर्स में जलाया जाना जरूरी है. यदि इन्हें ऐसे ही छोड़ दिया जाए, तो यह प्रकृति के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
खोजी कुत्तों ने कई मामलों में की मदद
इसके लिए वे अपने सामान में बने विशेष रूप से कैविटी (खाली जगह) बनाते हैं, जिसमें नशीला पदार्थ छुपाकर तस्करी की जाती है. कुछ तस्करों ने ड्रग्स के पैकेट्स को लील लिया था और आंतों में छिपाकर ड्रग्स की सप्लाई करते हैं. मुंबई हवाई अड्डे के सीमा शुल्क विभाग ने मामलों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया है. कई मामलों में उन्होंने तस्करों को गिरफ्तार कराया.
इन देशों से होती है ड्रग्स की तस्करी
सीमा शुल्क अधिकारियों के अनुसार, मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नशीले पदार्थों की जब्ती के आंकड़ों से पता चलता है कि इनकी तस्करी मुख्यरूप से किन देशों से होती है. केन्या, युगांडा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देशों के नागरिक मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं.
इन अपराधों के तहत दर्ज होगा केस
ड्रग्स को ले जाने वाले व्यक्ति नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की धारा 8 के तहत अपराध के दोषी हैं. इसके साथ ही एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 21, धारा 23 और धारा 29 के तहत सजा भी उन्हें सजा दी जाएगी. इन अपराधों को सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के प्रावधानों के साथ पढ़ा जाएगा.