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डीसी अवंती कार घोटालाः अपनी बनाई कारों को खुद खरीदते थे दिलीप छाबड़िया, कई जगह से लेते थे लोन

पुलिस अधिकारियों के अनुसार 127 डीसी अवंती कारें भारत और विदेशों में बेची गईं. पुलिस ने जांच में पाया कि प्रत्येक कार पर औसतन 42 लाख से अधिक का कर्ज लिया गया था, इनमें से कई कारों पर दिलीप छाबड़िया डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड ने खुद की बनाई कारों को ग्राहकों के तौर पर लिया था.

DC ने खुद की बनाई कई कारों को इसी तरह बेचा और कर्ज लिया DC ने खुद की बनाई कई कारों को इसी तरह बेचा और कर्ज लिया
सौरभ वक्तानिया/विद्या
  • मुंबई,
  • 29 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST
  • जांच में क्राइम ब्रांच ने किया बड़ा खुलासा
  • एक कार पर कई कंपनियों से लिया जाता था लोन
  • कर बचाने के लिए किया गया करोड़ों का घोटाला

मुंबई क्राइम ब्रांच की आपराधिक खुफिया इकाई (CIU) ने डीसी डिजाइन के संस्थापक और मशहूर कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया को गिरफ्तार किया है. उनका नाम कार फाइनेंस और जालसाजी से जुड़े एक बड़े घोटाले में शामिल है. आरोप है कि डीसी अपनी बनाई कारों को खुद ग्राहक बनकर खरीदते थे और उन कारों पर लोन भी लेते थे. 

दरअसल, क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि दो सीटर स्पोर्ट्स कार डीसी अवंती नरीमन प्वाइंट के होटल ट्राइडेंट के पास आने वाली है लेकिन उस दिन वो कार वहां नहीं पहुंची. मगर अगले दिन यानी 18 दिसंबर को पुलिस को टिप मिली कि कार ताजमहल होटल, कोलाबा में आने वाली है. पुलिस ने वहां जाल बिछाया और कार के आते ही उसे कब्जे में ले लिया.

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कार के मालिक ने दावा किया कि उसके दस्तावेज बिल्कुल सही हैं. हालांकि जांच के दौरान पाया गया कि हरियाणा में एक ही इंजन और चेसिस नंबर वाली दूसरी कार मौजूद है. कार के मॉडल डीसी अवंती को औपचारिक प्रमाणन के बाद 2016 में लॉन्च किया गया था. डीसी अवंती स्पोर्ट्स कार के इस मॉडल का उत्पादन पुणे के प्लांट में किया गया था.

धोखाधड़ी का तरीका
इनके पास एक ही इंजन और चेसिस नंबर वाली कई कारें हैं. जबकि नियमानुसार कारों में एक ही इंजन और चेसिस नंबर नहीं हो सकता है. हर कार में अलग इंजन और चेसिस नंबर होता है. दिलीप छाबड़िया एक ही कार के लिए अलग-अलग NBFC से कई लोन ले रहे थे और उसे थर्ड पार्टी को बेच रहे थे. इसे हाइपोथीशन कहा जाता है. क्राइम ब्रांच को ऐसे हाईटेक तरीके से बेची गई 90 से ज्यादा कारों पर शक है. डीसी अवंती को दिलीप छाबड़िया ने खुद बनाया और खरीदा. फिर बाद में उसे थर्ड पार्टी को बेच दिया. इसका मतलब है कि आरोपी अपनी बनाई कारों के लिए ऋण ले रहा था और खुद ग्राहक बन गया. और बाद में उसे तीसरे पक्ष को बेच दिया.

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पुलिस अधिकारियों के अनुसार 127 डीसी अवंती कारें भारत और विदेशों में बेची गईं. पुलिस ने जांच में पाया कि प्रत्येक कार पर औसतन 42 लाख से अधिक का कर्ज लिया गया था, इनमें से कई कारों पर दिलीप छाबड़िया डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड ने खुद की बनाई कारों को ग्राहकों के तौर पर लिया था.

पुलिस को शक है कि करीब 90 कारों को इस तरह के फाइनेंस फर्जीवाड़े के लिए इस्तेमाल किया गया. इन काल्पनिक कारों को धोखाधड़ी से कर्ज लिए जाने से पहले अन्य ग्राहकों को बेचा गया था. इसके लिए बीएमडब्ल्यू फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे विभिन्न एनबीएफसी से कर्ज लिया गया था.

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ये सारा फर्जीवाड़ा हाईएंड कारों पर लगने वाले भारी कर से बचने के लिए किया गया था. प्रारंभिक जांच में पुलिस को 40 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का शक है, लेकिन आगे इस रकम में इजाफा भी हो सकता है. क्राइम ब्रांच अब सरकारी खजाने को हुए उस नुकसान का अंदाजा लगाने के लिए जांच कर रही है, आरोपी दिलीप छाबड़िया ने कस्टम ड्यूटी और जीएसटी इत्यादि का भुगतान न करके बचाया. 

क्राइम ब्रांच को शक है कि आरोपी दिलीप छाबड़िया ने बीएमसी फाइनेंस सर्विस के अलावा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अन्य एनबीएफसी को भी धोखा दिया है. आरोपी दिलीप छाबड़िया को अंधेरी के एमआईडीसी इलाके में उनकी कार्यशाला से गिरफ्तार किया गया था.

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सूत्रों के मुताबिक, दिलीप छाबड़िया के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120 (बी) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिलीप छाबड़िया की एक लग्जरी कार भी जब्त की गई है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुंबई पुलिस मुख्यालय में रखा गया है. अधिकारी उनसे लगातार पूछताछ कर रहे हैं.

 

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