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NCP नेता नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज समीर वानखेड़े की एफआईआर को बंद करेगी मुंबई पुलिस

एनसीपी (अजित पवार) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ साल 2022 में समीर वानखेड़े ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी. उसी को लेकर समीर वानखेड़े ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. क्योंकि वह इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में जानना चाहते थे.

मुंबई पुलिस ने इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट को जानकारी दी है मुंबई पुलिस ने इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट को जानकारी दी है
विद्या
  • मुंबई,
  • 21 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि जांच करने के बाद भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर की गई शिकायत में मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष ‘सी’ सारांश रिपोर्ट दाखिल करने का फैसला लिया है. 

सी-सारांश रिपोर्ट एक पुलिस रिपोर्ट होती है जिसे जांच अधिकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल करता है. यह एक प्रकार की सारांश रिपोर्ट होती है, जिसे आपराधिक मामलों में दाखिल किया जा सकता है.

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एनसीपी (अजित पवार) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ साल 2022 में समीर वानखेड़े ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी. उसी को लेकर समीर वानखेड़े ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. क्योंकि वह इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में जानना चाहते थे.

यह एफआईआर गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी और याचिका के माध्यम से समीर वानखेड़े ने जांच एजेंसी को एफआईआर में नामित व्यक्तियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की कुछ धाराओं को जोड़ने का निर्देश देने की भी मांग की थी.

अधिनियम की धारा 3 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के खिलाफ अपमान, धमकी और अन्य अत्याचारों के कृत्यों को आपराधिक बनाती है, यह इस धारा की कुछ उप धाराएं थीं, जिन्हें वानखेड़े ने लागू करने की मांग की थी.

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समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में पुलिस को उनके आदेश पर दर्ज एफआईआर के अनुसरण में जांच एजेंसी द्वारा उठाए गए कदमों को प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी मांग की थी.

12 दिसंबर, 2024 को, राज्य ने अदालत को सूचित किया था कि एससीएसटी अधिनियम की धारा 3(1)(पी), 3(1)(क्यू) और 3(1)(आर) को 2022 के मामले में जोड़ा गया था और इस संबंध में की गई जांच की स्टेटस् रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय मांगा था.

हालांकि, इस महीने अतिरिक्त लोक अभियोजक एसएस कौशिक ने अदालत को सूचित किया कि पुलिस ने जांच करने के बाद संबंधित अदालत के समक्ष ‘सी’ सारांश रिपोर्ट दाखिल करने का निर्णय लिया है.

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और डॉ नीला गोखले की पीठ ने अभियोजन पक्ष की सुनवाई के बाद कहा कि वर्तमान याचिका में विचार के लिए कुछ भी नहीं बचा है. उसी के अनुसार इसका निपटारा किया जाता है.

पीठ ने यह भी कहा कि समीर वानखेड़े इस मामले को बंद करने के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष विरोध याचिका दायर कर सकते हैं. 

आपको बता दें कि समीर वानखेड़े साल 2021 से ही नवाब मलिक के साथ विवाद में रहे हैं, उस वक्त वह मुंबई में नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर थे.

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जनवरी 2021 में, नवाब मलिक के दामाद को समीर वानखेड़े की टीम ने कथित तौर पर ड्रग कारोबार में निवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. नवाब मलिक ने तब वानखेड़े के खिलाफ उनके धर्म, वैवाहिक जीवन और यहां तक ​​कि उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में बोलते हुए एक अभियान शुरू किया था.

अक्टूबर 2021 में जब शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को समीर वानखेड़े की टीम ने गिरफ्तार किया था, तब नवाब मलिक ने कई सोशल मीडिया पोस्ट डालकर उस मामले में कई खामियां उजागर की थीं और उस मामले में आखिरकार आर्यन खान को एनसीबी ने चार्जशीट नहीं किया था.

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