
सीबीआई की एसआईटी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी है. लेकिन इसी बीच नशे और ड्रग्स का बड़ा एंगल भी सामने आया है. जिसकी जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB की टीम कर रही है. इसी मामले का खुलास करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बेहद तेज तर्रार आईआरएस अफसर को एनसीबी में भेजा है, जिनका नाम समीर वानखेड़े है. इस अफसर के जांच में आने से बॉलीवुड के कई लोगों की परेशानी बढ़ सकती हैं.
कौन हैं समीर वानखेड़े
महाराष्ट्र के रहने वाले समीर वानखेड़े 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं. भारतीय राजस्व सेवा ज्वाइन करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डिप्टी कस्टम कमिश्नर के तौर पर हुई थी. उनकी काबलियत की वजह से ही उन्हें बाद में आंध्र प्रदेश और फिर दिल्ली भी भेजा गया. उन्हें नशे और ड्रग्स से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. समीर वानखेड़े के नेतृत्व में ही पिछले दो सालों के अंदर करीब 17 हजार करोड़ रुपये के नशे और ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया गया. हाल ही में समीर वानखेड़े को डीआरआई से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में ट्रांसफर किया गया है.
बॉलीवुड में खलबली
एनसीबी की जांच में आईपीएस समीर वानखेड़े की एंट्री ने बॉलीवुड में खलबली मचा दी है. बॉलीवुड के वो तमाम लोग जो ड्रग्स लेते हैं या ड्रग्स खरीदते और बेचते हैं, वो फिलहाल डरे हुए हैं और इस डर की वजह हैं समीर वानखेड़े. दरअसल, डीआरआई में तैनात समीर वानखेड़े को पिछले हफ्ते ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में भेजा गया है. अब समीर मुंबई में मौजूद एनसीबी की उस टीम का हिस्सा हैं, जो सुशांत केस में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही है.
चूंकि जांच का दायरा रिया चक्रवर्ती से होते हुए बालीवुड तक जा पहुंचा है, तो ये तय है कि लगे हाथ एनसीबी बॉलीवुड में भी ड्रग्स की सफाई का काम करेगी. समीर वानखेड़े पहले भी एनसीबी में रह चुके हैं. उनके बारे में मशहूर है कि ये फिल्मी दुनिया को पसंद नहीं करते. खास तौर पर फिल्म इंडस्ट्री और ड्रग्स के कॉकटेल को. सूत्रों के मुताबिक जांच के ऐसे पड़ाव पर समीर वानखेड़े की एनसीबी में एंट्री बालीवुड और ड्रग्स के जाल को तोड़ने के लिए कराई गई है.
कहां तक होती है ड्रग्स की सप्लाई
एनसीबी अभी तक छोटे मोटे कुछ ड्रग्स पेडलर को गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन बड़ी मछलियां अभी शिकंजे से बाहर है. एनसीबी की कोशिश है कि वो इन छोटी मछलियों के ज़रिए बड़ी मछलियों तक पहुंच सके. इनमें कई बड़े नाम हैं. जिनमें कुछ मुंबई में हैं, कुछ मुंबई जेलों में हैं और कुछ मुंबई और देश से बाहर हैं. एनसीबी सूत्रों के मुताबिक रिया श्रुति मोदी शौविक और सैमुअल मिरांडा के व्हाट्स एप चैट में जितने नाम आ रहे हैं, उन नामों के खंगालने के साथ-साथ एनसीबी इस बात का पता लगाने में जुटी है कि ड्रग्स का ये तार किन किल लोगों से होते हुए किन किन लोगों तक पहुंचता है. वो इस बात की भी जांच कर रही है कि बॉलीवुड में कौन कौन लोग ड्रग्स इस्तेमाल करते हैं और कौन-कौन लोग उन्हें ड्रग्स सप्लाई करते हैं. सप्लायर का चेन कहां तक जाता है.
एनसीबी पर भी उठ चुके हैं सवाल
यूं तो बॉलीवुड में ड्रग्स के सप्लायर कई हैं. इन सबके नाम भी एनसीबी के पास हैं. लेकिन उनके गिरेबान पर एनसीबी कब हाथ डालती है या डालती भी है या नहीं, ये अभी कहना मुश्किल है. क्योंकि कई बार खुद एनसीबी पर उंगलियां भी उठ चुकी हैं. एनसीबी पर ये इल्ज़ाम लग चुके हैं कि बड़ी मछलियों को वो जानबूझ कर नहीं पकड़ती. क्योंकि उनसे चढ़ावा आता है. दिखाने के लिए छोटी-मोटी मछलियों को उठा लिया जाता है. और वो भी कुछ वक्त बाद ही जेल से फिर बाहर आ जाते हैं और फिर से धंधे पर लग जाते हैं. बॉलीवुड का ड्रग्स कनेक्शन अपने जमाने की जानी मानी एक्ट्रैस ममता कुलकर्णी तक से जुड़ चुका है.
ड्रग्स रैकेट में आया था ममता कुलकर्णी का नाम
अप्रैल 2016 में ठाणे पुलिस ने दो हज़ार करोड़ रुपये से भी ज़्यादा के इफ्रेडीन ड्रग तस्करी के बड़े रैकेट का भंडा फोड़ किया था. सोलापुर की एक कंपनी में छापा मार कर तब करीब 23 टन इफ्रेडीन पाउडर जब्त किया गया था. इस मामले में तब तक एक्ट्रैस ममता कुलकर्णी और ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी के खिलाफ ठाणे पुलिस ने मामला दर्ज किया था. इतना ही नहीं ठाणे की अदालत ने दोनों के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी मामले में वॉरंट भी जारी किया हुआ है. हालांकि ममता कुलकर्णी खुद पर लगे इल्ज़ामों से इनकार करती रही हैं.
विक्की गिरफ्तार, ममता कुलकर्णी फरार
मगर ठाणे पुलिस का दावा है कि ममता ड्रग्स तस्करी से जुड़ी अहम बैठकों में शामिल रहती हैं और हिंदुस्तान से केन्या ड्रग सप्लाई करती हैं. ममता और विक्की गोस्वामी पर बालीवुड को भी ड्रग्स सप्लाई करने का इल्ज़ाम है. इस मामले में विक्की गोस्वामी को अमेरिका की पुलिस गिरफ्तार कर अमेरिका ले गई. उसकी गिरफ्तारी के बाद ममता कुलकर्णी दुनिया के किस कोने में है, ये किसी को नहीं पता.
एनसीबी के लिए चुनौती
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि सुशांत केस की जांच का सिरा पकड़ कर एनसीबी कहां तक जाती है? क्योंकि एनसीबी को भी पता है कि निजी इस्तेमाल के लिए ड्रग्स खरीदना और ड्रग्स का सेवन करने की बहुत कड़ी सज़ा नहीं है. इसमें भी सज़ा दिलाने के लिए सामने वाले के पास से ड्रग्स की बरामदगी और उसके ज़रिए ड्रग्स के इसेतमाल की बात को साबित करना पड़ेगा.