
नागालैंड में इस साल अब तक 190 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गईं और कुल 456 लोगों को गिरफ्तार किया गया. यह जानकारी राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) रूपिन शर्मा ने बुधवार को दी. उन्होंने बताया कि इन गिरफ्तारियों और बरामदगी के संबंध में कुल मिलाकर 318 मामले दर्ज किए गए हैं.
नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने की कवायद पर डीजीपी रूपिन शर्मा ने बताया कि जब्त की गई ड्रग्स में 1,171 किलोग्राम गांजा, 32 किलोग्राम अफीम, 26.63 किलोग्राम हेरोइन और 5.46 किलोग्राम ब्राउन शुगर शामिल है. डीजीपी शर्मा ने कहा, "हम 2047 तक नशा मुक्त राष्ट्र सुनिश्चित करने की दिशा में केंद्र के प्रयासों के अनुरूप नागालैंड को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स मामले में कोहिमा जिले के जुबजा पुलिस स्टेशन क्षेत्र से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिससे नागालैंड के अलावा मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश और पंजाब में संचालित एक अंतरराज्यीय ड्रग्स रैकेट का खुलासा हुआ. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है.
DGP ने कहा कि नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए राज्य पुलिस जागरूकता अभियान, अंतर-विभागीय समन्वय, बेहतर जांच और अभियोजन और प्रौद्योगिकी उन्नयन सहित कई उपाय कर रही है. उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के मामलों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग और अंतर-राज्य समन्वय से उत्साहजनक परिणाम मिले हैं.
रूपिन शर्मा ने बताया कि नशीली दवाओं की तस्करी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल पाए गए आठ पुलिस कर्मियों को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग सरकारी विभागों के तीन कर्मचारी भी इसमें शामिल पाए गए हैं. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.