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आतंकियों के बाद अब नक्सलियों ने ड्रोन को बनाया हथियार, सुरक्षाबलों की रेकी में हो रहा इस्तेमाल

अब नक्सलियों (Naxal) की ड्रोन वाली साज़िश (Drone Conspiracy) का पर्दाफाश हुआ है. सूत्रों से खबर मिली है कि नक्सली ड्रोन का इस्तेमाल सुरक्षाबलों (Security Forces) की रेकी (Recce) के लिए कर रहे हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST
  • 7 जून को सुकमा में दिखा था संदिग्ध ड्रोन
  • खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों को किया अलर्ट

जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से आतंकी हमले (Jammu Airbase Drone Attack) के बाद अब नक्सलियों (Naxal) की ड्रोन वाली साज़िश (Drone Conspiracy) का पर्दाफाश हुआ है. सूत्रों से खबर मिली है कि नक्सली ड्रोन का इस्तेमाल सुरक्षाबलों (Security Forces) की रेकी (Recce) के लिए कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, 7 जून को सुकमा के दोरनापाल में संदिग्ध ड्रोन देखा गया, जिसके बाद सिक्योरिटी फोर्स में हड़कंप मच गया. इसके बाद नक्सली इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने सभी सुरक्षा बलों को अलर्ट किया है कि संदिग्ध ड्रोन पर नज़र रखी जाए. माना जा रहा है कि नक्सली ड्रोन का इस्तेमाल करके सुरक्षाबलों की रेकी करने की फिराक में है.

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सूत्रों ने आज़तक को जानकारी दी कि संदिग्ध ड्रोन दिखने के बाद मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) में इस बात को लेकर बड़ी बैठक हुई. छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्रों में काम करने वाली एजेंसियों के साथ साझा की गई हालिया खुफिया सूचनाओं को इस तथ्य से अवगत कराया गया कि नक्सलियों ने इनपुट के लिए ड्रोन का उपयोग करना शुरू कर दिया है.

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुकमा-बस्तर समेत कई इलाकों में नक्सली सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की फिराक में हैं. सुरक्षा बलों के सूत्रों का कहना है कि अब तक ये ड्रोन बुनियादी मॉडल के हैं, जो बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन जब तकनीकी प्रगति की बात आती है तो यह एजेंसियों के लिए चिंता का एक बड़ा कारण है.

सूत्रों ने कहा कि इन ड्रोनों का इस्तेमाल क्षेत्रों की रेकी करने और संबंधित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की गतिविधियों को देखने के लिए भी किया गया है. हालांकि भविष्य में इन ड्रोनों का उपयोग हमले करने के लिए किया जा सकता है.

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