Advertisement

एल्गार परिषद केस: आतंकी गतिविधियों के लिए JNU के छात्रों की भर्ती, NIA की चार्जशीट में खुलासा

NIA ने अपने ड्राफ्ट चार्ज में कहा है कि देश में आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने देश की दो प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली (JNU) और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुम्बई (TISS) के छात्रों को भर्ती किया था. 

प्रतीकात्मक चित्र प्रतीकात्मक चित्र
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST
  • 'JNU, TISS के छात्रों की हुई थी भर्ती'
  • 'देश में जनता सरकार बनाना चाहते थे'
  • एल्गार परिषद केस में NIA का ड्राफ्ट चार्ज

एल्गार परिषद मामले की चार्जशीट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोपियों पर देश के खिलाफ साजिश रचने के बेहद गंभीर और संवेदनशील आरोप लगाए हैं. एनआई ने अपने ड्राफ्ट चार्ज में कहा है कि देश में आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने देश की दो प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली (JNU) और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुम्बई (TISS) के छात्रों को भर्ती किया था. 

Advertisement

एनआईए ने इस मामले में मुंबई की विशेष अदालत में इसी महीने मसौदा पेश किया था. इसकी कॉपी सोमवार को सार्वजनिक की गई है. 

NIA ने  अपनी ड्राफ्ट की गई चार्जशीट में 16 गिरफ्तार और 6 फरार लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनमें मानवाधिकार कार्यकर्ता और नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता शामिल हैं. इनके तहत UAPA और IPC की धाराएं लगाई गई हैं. 

'देश की सरकार को हथियारों के दम पर हटाना चाहते थे'

इस ड्राफ्ट के अनुसार आरोपियों का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र हथियारों के दम पर सत्ता हथियाना और सत्ता छीनकर देश में जनता सरकार स्थापित करना था. एनआईए ने आरोप लगाया है कि आरोपी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के सक्रिय सदस्य थे.

भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच अब NIA करेगी, महाराष्ट्र सरकार ने जताई नाराजगी 

NIA ने इस केस में सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजालविस, वरवरा राव, हनी बाबू, आनंद तेलतुम्बड़े, शोमा सेन, गौतम नवलखा समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. इस ड्राफ्ट के अनुसार आरोपी भारत सरकार और महाराष्ट्र की सरकार के युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहे थे. 

Advertisement

JNU-TISS के छात्रों को किया गया भर्ती

इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि आरोपी विस्फोटकों का इस्तेमाल कर लोगों के दिमाग में आतंक पैदा करना चाहते थे. ड्राफ्ट में कहा गया है, "आरोपियों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों को आतंकवादी गतिविधियों के लिए भर्ती किया था. 

आतंकी संगठनों को पहुंचानी थीं 4 लाख गोलियां

NIA के अनुसार इस मामले में गिरफ्तार आरोपी मणिपुर में आतंकी संगठनों को M4 हथियार और 4 लाख राउंड (कारतूस) पहुंचाने के लिए 8 करोड़ रुपये का इंतजाम करने में लगे थे. इनका मकसद महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को टारगेट करना था. 

क्या है एलगार परिषद केस 

बता दें कि एलगार परिषद केस 31 दिसंबर 2017 को आयोजित किए गए एक संगोष्ठी से जुड़ा है. इस संगोष्ठी में भड़काऊ भाषण दिए गए थे. इसके अगले दिन  भीमा-कोरेगांव में हिंसा हुई थी. अभियोजन पक्ष का दावा है कि इस संगोष्ठी का आयोजन कथित रूप से माओवादियों से जुड़े लोगों द्वारा किया गया था. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement