
पूर्वोत्तर का महत्वपूर्ण राज्य असम लंबे समय तक उग्रवाद की समस्या से जूझता रहा है. असम में उग्रवादी संगठन फिर से सिर उठाने की कोशिश में जुटे हैं. इसे लेकर अब राष्ट्रीय एजेंसियां भी एक्टिव मोड में आ गई हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने असम में उग्रवादी संगठनों से संबंधित 16 संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है.
जानकारी के मुताबिक एनआईए असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम यानी उल्फा में युवाओं की भर्ती से जुड़े मामले की जांच कर रही है. एनआईए ने इसी सिलसिले में 16 जगह छापेमारी की. एनआईए की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक असम के कामरूप, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ में छापेमारी की.
एनआईए ने तिनसुकिया, सदिया, चराईदेव और शिवसागर में भी छापेमारी कर तलाशी ली. केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक इस कार्रवाई के दौरान उल्फा से जुड़े दस्तावेज और साहित्य के साथ ही डिजिटल उपकरण बरामद किए गए. उल्फा से संबंधित इन ठिकानों से केंद्रीय जांच एजेंसी ने गोला-बारूद भी बरामद किए हैं.
एनआईए के मुताबिक उल्फा में युवाओं की भर्ती, रंगदारी वसूली, गैरकानूनी गतिविधियों के लिए युवाओं को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाए जाने जैसी गतिविधियों से संबंधित मामले में रेड की गई थी. असम के सात जिलों में 16 ठिकानों पर की गई इस रेड के दौरान कई दस्तावेज और गोला-बारूद मिले हैं. इस दौरान किसी गिरफ्तारी की जानकारी नहीं मिल सकी है.
एनआईए मामले की जांच कर रही है. गौरतलब है कि उग्रवादी संगठन के लिए धन की उगाही के साथ ही गुवाहाटी से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों तक, उल्फा में की जा रही भर्ती के मामले में एनआईए जांच कर रही है. उल्फा में भर्ती किए जाने के बाद युवाओं को भारत-म्यांमार की सीमा पर संचालित ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण किए जाने की बात भी सामने आ रही थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेकर 18 मई को केस दर्ज किया था. एनआईए इस मामले की जांच कर रही है. वहीं, सात जिलों के 16 ठिकानों पर एनआईए की रेड के बाद उग्रवादी संगठनों में भी हलचल मच गई है.
(रिपोर्ट- पूर्ण विकास बोरा)