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अफगानिस्तान गुरुद्वारा हमला: विदेशी धरती पर पहली बार जांच के लिए NIA की टीम पहुंची काबुल

NIA इससे पहले सिर्फ भारत की धरती पर हुए आतंकी हमलों की जांच करती आई है, लेकिन एनआईए कानून में संशोधन के बाद NIA अब देश के बाहर किसी भी ऐसे मामले की जांच करने के लिए सक्षम है जिसमें किसी भारतीय या भारत का हित प्रभावित हुआ हो.

NIA (Representational Image) NIA (Representational Image)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्‍ली,
  • 11 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST
  • गुरुद्वारेे में हुई गोलीबारी में 27 लोगों की मौत हो गई थी
  • अफगान विशेष बलों ने हमलावार को मार गिराया था
  • इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के चार तेज-तर्रार अधिकारी अपनी टीम के साथ अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले की जांच के लिए काबुल पहुंच गए हैं. सूत्रों ने आजतक को ये एक्सक्लूूसिव जानकारी दी है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी विदेशी धरती पर NIA की टीम जांच करने के लिए पहुंची है.

NIA इससे पहले सिर्फ भारत की धरती पर हुए आतंकी हमलों की जांच करती आई है, लेकिन एनआईए कानून में संशोधन के बाद NIA अब देश के बाहर किसी भी ऐसे मामले की जांच करने के लिए सक्षम है जिसमें किसी भारतीय या भारत का हित प्रभावित हुआ हो.

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बता दें कि काबुल के गुरुद्वारा में 25 मार्च 2020 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें भारतीय नागरिक सहित 27 लोगों की मौत हुई थी. NIA ने इस मामले में 1 अप्रैल 2020 को केस दर्ज किया था जो विदेश में NIA द्वारा जांच किया जाने वाला पहला मामला है. 

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NIA सूत्रों ने आजतक को जो जानकारी दी है उसके मुताबिक 25 मार्च को हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रोविंस (ISKP) ने ली थी. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद गुरुद्वारे में घुसकर भारी हथियारों से लैस आत्मघाती हमलावर ने गोलीबारी की थी. इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई वहीं आठ लोग घायल हुए थे.

इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि बाद में अफगान विशेष बलों ने हमलावार को मार गिराया था. NIA सूत्रों के मुताबिक केरल के कासरगोड के पास के छोटे से शहर त्रिकारपुर में जन्मा, मुहसिन अफ़गानिस्तान में आतंकवादियों के एक समूह का हिस्सा था. ऐसा शक है कि मुहसिन काबुल गुरुद्वारे पर हमले में शामिल था. सूत्रों ने बताया है कि शुरुआती दौर में आईएएसकेपी का आतंकी मुहसिन कुआलालंपुर, मलेशिया में अपने रिश्तेदारों के एक छोटे से होटल में काम करने के लिए केरल से गया था, बाद में उसने दुबई में नौकरी की और यहीं से 2018 में नंगरहार अफगानिस्तान के समूह में शामिल होने के लिए गया था.

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NIA की टीम अब काबुल पहुंच चुकी है. यहां पर NIA की टीम एक तो गुरुद्वारा हमले की तफ्तीश करेगी क्योंकि इस मामले में NIA ने एफआईआर दर्ज की है, साथ ही आईएसकेपी के पूरे लिंक को भी खंगालेगी.

एनआईए ने जो इस मामले में केस दर्ज किया है उसमें आईपीसी की धारा 120 बी, 125 लगाई है. साथ ही नए यूएपीए कानून की महत्वपूर्ण धारा 16,18,20 और 38 लगाई गई है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक, केरल, हैदराबाद, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हाल ही में जिस तरीके से आईएसकेपी के कई आतंकी पकड़े गए हैं उनका लिंक साइबर स्पेस में एक दूसरे से किसी न किसी रूप में रहा है. एनआईए की टीम काबुल जाकर अफगानिस्तान की जांच एजेंसी से कई इनपुट्स तो निकालेगी ही, साथ ही अफगानिस्तान के नंगरहार का आईएसकेपी कनेक्शन की भी पूरी पड़ताल करेगी.

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